#NewsBytesExplainer: नसरल्लाह पर हमले के लिए इजरायल ने किया बंकर बमों का इस्तेमाल, ये कितने घातक?
इजरायल के हमले में हिज्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई है। लेबनान की राजधानी बेरूत में इजरायल ने हवाई हमले कर हिज्बुल्लाह के मुख्यालय को निशाना बनाया था। अब इजरायल ने स्वीकार किया है कि इस हमले को अंजाम देने में उसने बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया था। ये बम जमीन के अंदर के लक्ष्य को निशाना बनाने में इस्तेमाल होते हैं। आइए आज इन बंकर बमों के बारे में जानते हैं।
क्या होते हैं बंकर बम?
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है इन बमों का इस्तेमाल खासतौर पर जमीन के अंदर बने बंकरों, सुरंगों में छिपे ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है। ये साधारण बमों के मुकाबले मोटे स्टील के बने होते हैं। ये फटने से पहले जमीन में गहराई तक धंस जाते हैं। माना जा रहा है कि इजरायल ने बेरूत में 85 बंकर बमों का इस्तेमाल किया है, जिनमें से एक का वजन 2,000 से 4,000 पाउंड था।
कितने तरह के होते हैं बंकर बम?
अलजजीरा के मुताबिक, मोटे तौर पर ये 2 तरह के होते हैं। पहले बम का अगला हिस्सा मजबूत और नुकीला होता है, ताकि ये जमीन में गहराई तक धंस सके। इसके बाद ये फटते हैं। दूसरी तरह के बमों में 2 अलग-अलग बम होते हैं। एक छोटा बम पहले जमीन में छेद करता है, ताकि मुख्य बम आसानी से अपने लक्ष्य तक पहुंच सके। इसके बाद मुख्य बम अंदर जाकर फट जाता है।
कितने घातक होते हैं बंकर बम?
बंकर बम 30 मीटर तक की मिट्टी या 6 मीटर तक की मजबूत कांक्रीट में भी घुसकर लक्ष्य को नष्ट कर सकते हैं। फटने के बाद ये जबरदस्त झटका उत्पन्न करते हैं, जिससे आसपास का पूरा इलाका जमींदोज हो सकता है। खास बात है कि ये बम बंकरों और सुरंगों के अलावा ऊंची इमारतों और टावरों को ध्वस्त कर सकते हैं। ये बम इमारत के ऊपर से गिराए जाते हैं और नींव तक पहुंचकर पूरी इमारत को ढहा देते हैं।
क्या है बंकर बमों का इतिहास?
बंकर बमों की शुरुआत सबसे पहले जर्मनी में हुई थी। अगस्त कोएंडर्स नामक जर्मन इंजीनियर ने इन्हें बनाया था। उन्होंने इसे 1942 और 1943 में बेल्जियम के किले फोर्ट डी'ऑबिन-नेफचैटो में परीक्षण किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मन भूमिगत रॉकेट कारखानों को नष्ट करने के लिए पहली बार इन बमों का इस्तेमाल किया गया था। उसके बाद से अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों ने इस तरह के बम विकसित किए हैं।
इजरायल के पास कहां से आए बंकर बम?
2021 में इजरायल ने अमेरिका से GBU-72 बंकर बमों को खरीदने का सौदा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है। हमास के साथ युद्ध शुरू होने के बाद दिसंबर, 2023 में अमेरिका ने इजरायल को इन बमों की आपूर्ति की थी। इजरायल अपने स्तर पर भी इन बमों का निर्माण करता रहा है, क्योंकि उसके आसपास के ज्यादातर दुश्मन हमलों या रणनीतिक कामों के लिए सुरंगों और बंकरों का इस्तेमाल करते हैं।
आबादी वाले क्षेत्रों में प्रतिबंधित है बंकर बम
इन बमों का उपयोग घनी आबादी वाले क्षेत्रों में करने पर प्रतिबंध है। जिनेवा सम्मेलन के तहत, इस प्रकार के हथियारों का उपयोग उन क्षेत्रों में नहीं किया जा सकता, जहां बड़ी संख्या में आम लोग रहते हैं। इसके अलावा इन बमों को बनाने में यूरेनियम का भी इस्तेमाल होता है। फटने के बाद ये प्रभावित स्थल पर रेडियोएक्टिव संक्रमण को फैला सकते हैं। इस वजह से भी आबादी वाले क्षेत्रों में इनका उपयोग प्रतिबंधित है।