
व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ सीधी वार्ता के दिए संकेत, क्या होगा युद्धविराम?
क्या है खबर?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहली बार यूक्रेन के साथ सीधी बातचीत के संकेत दिए हैं। पुतिन ने कहा कि वो ईस्टर युद्धविराम के बाद एक और युद्धविराम के लिए तैयार हैं।
उन्होंने रूसी सरकारी टीवी पर एक संबोधन में कहा कि उनका किसी भी शांति पहल के प्रति सकारात्मक रुख है और उन्हें उम्मीद है कि कीव भी ऐसा ही महसूस करेगा।
इससे पहले पुतिन ने ईस्टर पर 30 दिन का युद्धविराम किया था।
बयान
क्या बोले पुतिन?
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, "जब राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि नागरिकों पर हमला न करने के मुद्दे पर द्विपक्षीय चर्चा सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करना संभव है तो राष्ट्रपति के मन में यूक्रेन पक्ष के साथ बातचीत और विचार-विमर्श की बात थी।"
पुतिन ने ये भी कहा कि मास्को किसी भी शांति प्रयास के लिए खुला है और वो ऐसी है रवैया कीव से भी अपेक्षित करता है।
युद्धविराम
ईस्टर पर रूस ने किया था 30 घंटे का युद्धविराम
इससे पहले ईस्टर के मौके पर पुतिन ने यूक्रेन के साथ युद्धविराम का ऐलान किया था। ये युद्धविराम 19 अप्रैल की रात 8: 30 बजे से 20 अप्रैल की मध्य रात्रि तक करीब 30 घंटे के लिए लागू हुआ था।
तब पुतिन ने कहा था, "मानवीय आधार पर रूसी पक्ष ईस्टर युद्धविराम की घोषणा करता है। मैं इस अवधि के लिए सभी सैन्य गतिविधियों को रोकने का आदेश देता हूं।"
यूक्रेन
पुतिन के बयान पर यूक्रेन ने क्या कहा?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने पुतिन के प्रस्ताव पर सीधे तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
हालांकि, उन्होंने अपने वीडियो संबोधन में संकेत दिया कि यूक्रेन युद्ध विराम के बारे में किसी भी बातचीत के लिए तैयार है, जिससे नागरिकों पर हमले रुक सकते हों।
उन्होंने कहा, "यूक्रेन नागरिक बुनियादी ढांचों पर हमले नहीं करने के अपने प्रस्ताव पर कायम है। हम स्पष्ट उत्तर की उम्मीद करते हैं। हम इसे सुनिश्चित करने के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं।"
अमेरिका
युद्धविराम को लेकर बढ़ रहा है अमेरिका का दबाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वे राष्ट्रपति बनने के चंद घंटों के भीतर यूक्रेन युद्ध को बंद करवा देंगे। हालांकि, अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।
अमेरिका दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करवा रहा है, लेकिन अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है।
हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि अगर युद्धविराम संभव नहीं है तो अमेरिका को आगे बढ़ना होगा।