भारत के बाद अब अमेरिका में भी बैन हो सकती हैं टिक-टॉक समेत अन्य चाइनीज ऐप्स
भारत के बाद अब अमेरिका भी चाइनीज ऐप्स को बैन कर सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सोमवार को कहा कि अमेरिका निश्चित तौर पर चाइनीज ऐप्स को बैन करने पर विचार कर रहा है। फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि टिक-टॉक समेत दूसरी चाइनीज ऐप्स को बैन किया जा सकता है। बता दें कि अमेरिका और चीन के रिश्तों में पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही है।
अमेरिका में पहले भी उठ चुके हैं टिक-टॉक पर सवाल
अमेरिका में पहले भी टिक-टॉक ऐप पर यूजर्स के डाटा की देखभाल पर सवाल उठ चुके हैं। यहां इस बात पर चिंता व्यक्त है कि नियमों के मुताबिक, टिक-टॉक को यूजर्स का डाटाबेस चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की नियंत्रण वाली खुफिया एजेंसियों के साथ शेयर करना होता है। वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टिक-टॉक ने खुद को चीन के नियंत्रण में होने खंडन का करते हुए कहा था कि वह चीन के दबाव से मुक्त अपना काम करती है।
अमेरिका में चीनी कंपनियों को बताया गया सुरक्षा के लिए खतरा
पोम्पिया का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पिछले ही सप्ताह यहां के फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन (FCC) ने चीन की तकनीकी कंपनियों, हुवाई और ZTE के साथ-साथ इनकी पैरेंट कंपनी, उससे जुड़ी संस्थाएं और सब्सिडियरी को भी अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। FCC प्रमुख अजित पाई ने अपने बयान में कहा था कि यह कदम अमेरिका के कम्युनिकेशन नेटवर्ट और 5G को सुरक्षा जोखिमों से बचाने के लिए उठाया गया है।
अमेरिका की सुरक्षा के खतरा कैसे?
पाई ने कहा कि हुवाई और ZTE, दोनों कंपनियों के चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और वहां की सेना के नजदीकी संबंध है। साथ ही दोनों कंपनियां चीनी कानून के तहत काम करती है। इस वजह से उन्हें देश की खुफिया एजेंसियों को सूचनाएं देनी पड़ती है। इसलिए ये अमेरिका की सुरक्षा के लिए एक खतरा बनी हुई है। पाई ने यह भी कहा कि यह फैसला सोच-समझकर और गहन बातचीत के बाद लिया गया है।
काफी समय से चल रही अमेरिका और चीन में तनातनी
इसके अलावा पिछले कुछ समय से अमेरिका कोरोना वायरस के प्रसार के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहा है। साथ ही हांगकांग में चीन की कार्रवाई और ट्रेड वॉर के कारण दोनों देशों में तनातनी बनी हुई है। ऐसे में पोम्पियो का यह बयान खासा महत्वपूर्ण हो जाता है। हाल ही में अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में चीन के नौसेना अभ्यास के जबाव में अपने दो विमानवाहक युद्धपोत और चार जंगी जहाज भेजे थे।
भारत के ऐप बैन करने के फैसले का अमेरिका ने किया था स्वागत
भारत ने सीमा पर जारी विवाद के बीच पिछले महीने के अंत में टिक-टॉक ऐप सहित 59 ऐप्स पर बैन लगा दिया था। सरकार का कहना था कि ये देश की संप्रुभता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रही थीं। भारत के इस फैसले का स्वागत करते हुए पोम्पियो ने इन ऐप्स को चीनी कम्युनिट पार्टी के सर्विलांस का अंग बताया था। उन्होंने कहा था कि इस फैसले से भारत की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।