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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माना, चीन ने नहीं दी थी कोरोना वायरस की जानकारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माना, चीन ने नहीं दी थी कोरोना वायरस की जानकारी

Jul 04, 2020
11:40 am

क्या है खबर?

कोरोना वायरस (COVID-19) का शुरुआती मामला सामने आने के लगभग छह महीने बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने माना है कि चीन ने उसे इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं दी थी। इसकी जगह WHO के चीन स्थित ऑफिस ने संगठन को कोरोना वायरस के बारे में बताया था। संगठन का यह बयान ऐसे समय आया है, जब उस पर चीन का पक्ष लेने और दुनिया को समय पर पर्याप्त जानकारी न देने के आरोप लग रहे हैं।

मामला

बीते साल दिसंबर में सामने आने लगे थे कोरोना वायरस के मामले

बीते साल के आखिरी महीने के मध्य में चीन के हुबेई प्रांत में बुखार जैसी किसी बीमारी के मामले सामने आने लगे थे, लेकिन चीन ने हफ्तों तक यह बात दुनिया से छिपाये रखी। तब से लेकर अब तक यह वायरस चीन से निकलकर लगभग पूरी दुनिया में फैल चुका है और एक करोड़ से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आए हैं। इससे बचने के लिए देशों ने लॉकडाउन का सहारा लिया, जिससे अर्थव्यवस्थाओं पर भी बुरा असर पड़ा।

आरोप

WHO पर लगे चीन का पक्ष लेने के आरोप

जैसे-जैसे कोरोना वायरस को लेकर जानकारियों दुनिया के सामने आने लगी, WHO पर पर्याप्त कदम न उठाने के आरोप लगने लगे। यह कहा गया है कि WHO ने वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए टीमों को चीन नहीं भेजा और वह चीन की तरफ से बताई गई हर बात पर भरोसा कर रहा था। 9 अप्रैल को बढ़ती आलोचनाओं के बीच संगठन ने कहा कि वुहान ने 31 दिसंबर को निमोनिया के मामले रिपोर्ट हुए थे।

खुलासा

...लेकिन चीन ने नहीं दी जानकारी

कुछ दिन बाद 20 अप्रैल को संगठन के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस ने कहा कि कोरोना वायरस पर पहली रिपोर्ट चीन की तरफ से आई, लेकिन उन्होंने इसका स्त्रोत नहीं बताया। अब संगठन ने एक क्रोनोलॉजी जारी की है, जिसमें पता चला कि WHO के चीन स्थित ऑफिस ने ही 'वायरल निमोनिया' के बारे मेंं सबसे पहले उसे बताया था। ऑफिस ने वुहान हेल्थ कमीशन की वेबसाइट पर मौजूद प्रेस नोट से यह जानकारी ली थी।

कोरोना वायरस

दबाव के बीच चीन ने सौंपा अपना जवाब

इसी बीच संगठन की महामारी सूचना सेवा को अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय महामारी निगरानी नेटवर्क की रिपोर्ट भी मिल गई, जिसमें वुहान में अज्ञात वजहों से होने वाले निमोनिया के मामलों का जिक्र था। इसके बाद संगठन सक्रिय हुआ और उसने चीन पर जानकारी देने के लिए दबाव बनाया। संगठन ने 1 और 2 जनवरी को चीन से जानकारी मांगी। चीन ने बढ़ते दबाव के बीच आखिरकार 3 जनवरी को अपना जवाब संगठन को सौंपा।

नियम

क्या कहते हैं नियम?

नियमों के मुताबिक, देशों को किसी संभावित बीमारी के बारे में 24-48 घंटों के बीच WHO को इसकी जानकारी देनी होती है। हालांकि, WHO के आपात कार्यक्रमों के निदेशक माइकल रेयान ने कहा है कि जब चीन से निमोनिया की रिपोर्ट्स को सत्यापित करने को कहा गया तो वह तुरंत WHO के संपर्क में आ गया था। याद दिला दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए WHO की फंडिंग रोक दी थी।