कोरोना के कारण पूरी तरह ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों को अमेरिका छोड़ने के आदेश
अमेरिका ने कहा है कि ऐसे छात्र, जिनके कॉलेजों में कोरोना वायरस संकट के कारण पढ़ाई पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है, उन्हें देश में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यहां के इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट (ICE) ने कहा कि पूरी तरह ऑनलाइन चल रहे कॉलेजों में पढने वाले नॉन इमिग्रेंट F-1 और M-1 छात्र अमेरिका में नहीं रह सकेंगे। F-1 छात्र अमेरिका में अकादमिक कोर्स करते हैं वहीं वोकेशनल कोर्स करने वाले छात्र M-1 श्रेणी में आते हैं।
अमेरिका में रहने के लिए अपनाने होंगे ये तरीके
ICE ने अपने बयान में कहा कि पूरी तरह ऑनलाइन हो चुके कोर्स में दाखिला लेने वाले सक्रिय छात्र देश से बाहर चले जाएं। अगर उन्हें अमेरिका में रहना है तो उन्हें दूसरे तरीके जैसे किसी ऐसे स्कूल में ट्रांसफर होना, जहां क्लासेस हो रही हैं, आदि अपनाने होंगे। अगर वो ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनके खिलाफ इमिग्रेशन की कार्रवाई समेत देश से वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
ऑनलाइन क्लासेस के छात्रों को नहीं मिलेंगे वीजा
ICE ने आगे कहा कि विभाग इस सेमेस्टर के लिए पूरी तरह ऑनलाइन हो चुके कोर्स और कॉलेजों आदि के छात्रों को वीजा जारी नहीं करेगा। साथ ही कस्टम और सीमा सुरक्षा विभाग ऐसे छात्रों को अमेरिका में प्रवेश नहीं करने देंगे। बता दें कि कोरोना वायरस से दुनिया में सबसे बुरी तरह प्रभावित देश अमेरिका के कई कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज ने इस साल के सेमेस्टर को लेकर अपनी योजना का खुलासा नहीं किया है।
कई कॉलेजों में पूरी तरह ऑनलाइन हुई पढ़ाई
यहां के कई कॉलेज और यूनिवर्सिटीज हाइब्रिड मॉडल पर विचार कर रही हैं, जिसमें ऑनलाइन क्लासेस के अलावा फेस-टू-फेस लेक्चर भी होंगे। वहीं हार्वर्ड समेत कई यूनिवर्सिटीज ने कहा है कि उनकी सभी क्लासेस ऑनलाइन होंगी। हार्वर्ड का कहना है कि उसके 40 प्रतिशत अंडर ग्रेजुएट छात्र कैंपस में वापस आ सकते हैं, लेकिन उनकी पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से ही होगी। बता दें कि अमेरिका में सबसे ज्यादा छात्र चीन, भारत, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब और कनाडा से जाते हैं।
बीते साल अमेरिका में थे 10 लाख से ज्यादा विदेशी छात्र
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन के मुताबिक, अमेरिका में 2018-19 में 10 लाख से ज्यादा विदेशी छात्र थे। यह संख्या अमेरिका में उच्च शिक्षा करने वाले कुल छात्रों का 5.5 प्रतिशत है। 2018 में इन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 44.7 बिलियन डॉलर का योगदान दिया था।
अमेरिका में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित
अमेरिका ने छात्रों को वापस भेजने का फैसला ऐसे समय लिया है, जब वह कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित है। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अमेरिका में अब तक 29.35 लाख लोगों इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 1.30 लाख लोगों की मौत हुई है। यह एक देश में संक्रमितों और मृतकों की सबसे बड़ी संख्या है। वहीं पूरी दुनिया की बात करें तो 1.15 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं।