27 जुलाई को भारत पहुंचेगी राफेल विमानों की पहली किस्त, आसमान में बेहद मजबूत होगा भारत
आने वाली 27 जुलाई को आसमान में भारतीय वायु सेना की ताकत में बेहिसाब बढ़ोत्तरी होगी और हवा में मारक क्षमता बढ़ाने वाले चार-छह राफेल लड़ाकू विमान 27 जुलाई को फ्रांस से हरियाणा के अंबाला पहुंच जाएंगे। विमानों के वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल होते ही हवाई हमले की क्षमता के मामले में भारत को पाकिस्तान और चीन दोनों पर बड़ी बढ़त हासिल हो जाएगी। चीन से चल रहे तनाव में भी इसका फायदा मिलेगा।
राफेल को UAE के रास्ते भारत लाएंगे भारतीय पायलट
'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के अनुसार रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय पायलटों का एक समूह राफेल लेने के लिए फ्रांस जाएगा। वहां से यह दल राफेल विमानों को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अल धफ्रा एयर बेस पर एक ठहराव के साथ भारत लाएगा। हालांकि, फिलहाल चार-छह राफेल विमानों की ही आपूर्ति की जा रही है और सभी 36 राफेल की डिलीवरी 2022 तक की जाएगी। इसके बाद आसमान में भारत की ताकत में और वृद्धि होगी।
अन्य हथियारों की डिलीवरी हुई शुरू
बता दें कि राफेल विमान के साथ भारत में उल्का और स्कैल्प जैसे गेमचेंजर मिसाइलों की डिलीवरी भी शुरू हो चुकी है। इसके अलावा सरकार इजरायल, फ्रांस और अमेरिका से भी अत्याधुनिक तकनीक से लैस हथियार खरीदने की तैयारी कर रही है।
अगस्त तक तैयार हो जाएगी गोल्डन एरो स्क्वाड्रन
भारत आने वाले राफेल विमानों को उड़ाने के लिए वायुसेना ने भी पूरी तैयारी कर ली है। वायुसेना की अंबाला स्थित 'गोल्डन एरो' 17 स्कवाड्रन इसे लेकर नियमित अभ्यास कर रही है और वही भारत आने वाले राफेल विमानों को उड़ाएगी। इसके अलावा भविष्य को देखते हुए दूसरी स्क्वाड्रन को पश्चिम बंगाल के हासीमारा में तैयार किया जा रहा है। इससे भारत को भविष्य में कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।
कोरोना वायरस महामारी के कारण दो महीने आगे बढ़ाया डिलीवरी का समय
फ्रांस द्वारा ये राफेल विमान पहले मई के आखिरी में भारत को सौंपे जाने थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते भारत सहित अन्य देशों द्वारा हवाई मार्गों को बंद कर देने के कारण दोनों देशों ने डिलीवरी के समय को आगे बढ़ाते हुए जुलाई कर दिया था। अब ट्विन सीटर और सिंगल-सीटर, दोनों तरह के चार-छह राफेल लड़ाकू विमान 27 जुलाई से अंबाला एयरबेस पर पहुंचने शुरू हो जाएंगे।
सितंबर 2022 तक भारत को मिलेंगे 36 राफेल विमान
रक्षा सूत्रों ने बताया कि 58,000 करोड़ की राफेल विमान डील में भारत को 36 राफेल विमान मिलने हैं। इनका पहला बेड़ा अगले 27 जुलाई तक भारत पहुंचेगा और बाकी बचे विमान सितंबर 2022 तक भारत को मिलेंगे।
हवा में ही भरा जाएगा विमानों में ईंधन
रक्षा सूत्रों ने बताया कि इन राफेल विमानों में फ्रांसीसी वायु सेना के टैंकर विमान से हवा में ही ईंधन भरा जाएगा। चारों विमान UAE में उतारे जाएंगे। वहां से आते समय भारत में लैंडिंग से पहले भारतीय IL-78 टैंकर द्वारा इन विमानों में फिर से हवा में ईंधन भरा जाएगा। राफेल फ्रांस से सीधे भारत भी आ सकते थे, लेकिन एक छोटे से कॉकपिट में 10 घंटे की उड़ान परेशानी पैदा कर सकती है।
प्रशिक्षण के लिए फ्रांस जाएगा पायलटों का दूसरा दल
राफेल लड़ाकू विमानों को उड़ाने का प्रशिक्षण लेने के लिए भारतीय पायलटों का दूसरा दल लॉकडाउन खुलने के बाद फ्रांस के लिए रवाना किया जाएगा। भारत ने 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ 58,000 करोड़ रुपए का एक रक्षा करार किया था। यह सौदा दो सरकारों के बीच हुआ है। समझा जाता है कि राफेल लड़ाकू विमानों की हमला करने की ताकतवर क्षमता के कारण भारत को बड़ी मजबूती मिलेगी।
यह है राफेल लड़ाकू विमानों की विशेषता
राफेल का रडार F-16 विमानों के मुकाबले बेहद मजबूत है और 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट सेट कर सकता है। इसके साथ ही खतरनाक और आधुनिक मिसाइलों से लैस राफेल 300 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को निशाना बना सकता है। राफेल में लो लैंड जैमर, 10 घंटे तक की डाटा रिकॉर्डिंग और इजरायली हेलमेट वाली डिस्प्ले की सुविधा भी है। राफेल कई खूबियों वाले रडार वॉर्निंग रिसीवर, इन्फ्रारेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से भी लैस है।