
लद्दाख की यात्रा पर जा रहे हैं, तो ज़रूर देखें ये पाँच प्रसिद्ध जगहें
क्या है खबर?
यात्रा के शौकीनों को नई-नई जगहों पर जाने का शौक़ होता है। ज़्यादातर लोगों को पहाड़, जंगल, झील और शांत प्राकृतिक वातावरण अपनी तरफ़ आकर्षित करता है।
अगर आप भी उन्ही में से हैं, तो आपको लद्दाख की यात्रा ज़रूर करनी चाहिए।
हाल ही में लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करके अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है, ऐसे में लद्दाख की यात्रा तो बनती है।
अगर आप लद्दाख जा रहे हैं, तो इन पाँच जगहों की यात्रा ज़रूर करें।
#1
सो मोरिरी लेक (Tso Moriri lake)
लद्दाख के चांगथांग क्षेत्र में स्थित यह लुभावनी ऊँचाई वाली झील समुद्र तल से 4,595 मीटर ऊपर स्थित है।
लेह से सो मोरिरी लेक तक पहुँचने के लिए आपको 7-8 घंटे का सफ़र और दो घंटे की ट्रेकिंग भी करनी होगी।
आपको बता दें कि यह क्षेत्र प्रतिबंधित है, इसलिए आपको वहाँ जानें के लिए परमिट लेनी होगी।
झील का आनंद लेने के लिए अपने साथ टेंट ले जाएँ और झील के किनारे पर लगाकर ठंडी हवाओं का आनंद लें।
#2
नुब्रा वैली (Nubra Valley)
नुब्रा वैली अत्यंत मनोरम और वास्तविक परिदृश्य के बीच में स्थित है। वहाँ आपको ऊँचाई वाले रेत के टीले, एक प्राचीन सूखी हुई नदी का विस्तार, मठ और अन्य आकर्षक चीज़ें देखने को मिलेगी।
नुब्रा वैली में कुछ गाँव हैं, जहाँ आप रात में रुक सकते हैं। वहाँ जाने के बाद आप जीवन की अन्य परेशानियों को भूल जाएँगे और घाटी की सुंदरता में खो जाएँगे।
सूरज को ढलते हुए देखना आपकी आँखों और मन को सुकून पहुँचा सकता है।
#3
मैग्नेटिक हिल (Magnetic Hill)
मैग्नेटिक हिल, लेह शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है।
समुद्र तल से 14,000 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित इस पहाड़ी पर चुंबकीय गुण हैं, जो स्थिर कारों को लगभग 20किमी/घंटे की गति से ऊपर की तरफ़ खींचते हैं।
ऐसे में इस पहाड़ी क्षेत्र में अपनी कार के साथ यात्रा करना एक अविश्वसनीय अनुभव हो सकता है।
पहाड़ के चुंबकीय प्रभाव से बचने के लिए यहाँ से उड़ने वाले हवाई जहाज़ों को अधिक ऊँचाई पर उड़ाया जाता है।
#4
पैंगोंग सो लेक (Pangong Tso Lake)
पैंगोंग लेक, लद्दाख की सबसे ख़ूबसूरत जगहों में से एक है।
पैंगोंग लेक 4,350 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक सुंदर झील है। इसका पानी साफ़ और ठंडा है, जो समय-समय पर अपना रंग बदलता रहता है।
इस झील की लंबाई 134 किलोमीटर है और यह पहाड़ों से घिरी हुई है। इस झील का सबसे अधिक 60% हिस्सा तिब्बत में स्थित है।
इसकी यात्रा करने के लिए भी यात्रियों को परमिट की आवश्यकता पड़ती है।
#5
लामायुरु और मरखा (Lamayuru and Markha
लद्दाख की यात्रा पर्वतारोहियों और पैदल यात्रियों के लिए किसी सपने के सच होने जैसा है।
अगर आप लद्दाख गए और लामायुरु और मरखा में शिविर लगाकर नहीं रहे, तो आपकी लद्दाख यात्रा अधूरी रह जाएगी।
नुब्रा वैली में कई बुकिंग शिविर हैं। इच्छुक यात्री या दल 2 से 10 दिनों तक चलने वाले ट्रेक में हिस्सा ले सकते हैं, जो सिंधु घाटी में स्थित लामायुरु, मरखा घाटी, स्टोक-खंगरी और श्योक घाटी को कवर करते हैं।