कोरोना वायरस: अमेरिका में राहत पैकेज पर सहमति, लोगों में बांटे जायेंगे हजारों करोड़ डॉलर
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सीनेट के बीच राहत पैकेज पर आम सहमति बन गई है। दो ट्रिलियन डॉलर के इस राहत पैकेज का मकसद कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच देश की अर्थव्यस्था और लोगों को बचाना है। इसके तहत काराबारों, मजदूरों और हेल्थ केयर सिस्टम को मदद दी जाएगी। जल्द ही इस राहत पैकेज पर आधिकारिक मुहर लग सकती है।
अमेरिका में कोरोना वायरस के 55,000 मरीज, 784 की मौत
गौरतलब है कि अमेरिका में कोरोना वायरस बेहद तेजी से फैल रहा है और देश में लगभग 55,000 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 784 लोगों कोे इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अमेरिका के कोरोना वायरस का अगला केंद्र बनने की चेतावनी दी है। इस बीच ट्रंप प्रशासन ने लोगों को 15 दिन तक घर के अंदर रहने को कहा है और कई सार्जवनिक स्थानों को बंद कर दिया गया है।
हर वयस्क को 1200 तो बच्चों को मिलेंगे 500 डॉलर
इन पाबंदियों के बीच पिछले कुछ समय से कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित लोगों के लिए राहत पैकेज पर बात हो रही थी और अब इसे लेकर ट्रंप और दोनों पार्टियों के सीनेट सदस्यों के बीच आम सहमति बन गई है। व्हाइस हाउस के सहायक एरिक यूइलैंड ने मंगलवार आधी रात के बाद इसकी घोषणा की। इसके तहत सरकार देश के हर व्यस्क व्यक्ति को 1200 डॉलर और हर बच्चे को 500 डॉलर की वन टाइम मदद देगी।
छुट्टी पर भेजे गए या घर पर बंद कर्मचारियों कोे भी मिलेगी सैलरी
इसके अलावा कोरोना वायरस के कारण जिन कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा गया है, उन्हें राज्यों द्वारा दिए जाने वाले बेरोजगारी भत्ते के अलावा प्रति हफ्ते अतिरिक्त 600 डॉलर भी दिए जाएंगे। वहीं छोटे व्यवसायों को घर पर रहने को मजबूर उनके कर्मचारियों को सैलरी देना जारी रखने के लिए 367 अरब डॉलर की मदद दी जाएगी। बड़े उद्योगों को रियायती लोन देने के लिए 500 अरब डॉलर का प्रावधान किया गया है।
कंपनियों को दी जाएगी 50 अरब डॉलर की मदद
पैकेज में कर्मचारियों को सैलरी देना जारी रखने के लिए कंपनियों को 50 अरब डॉलर की मदद का प्रावधान भी किया गया है, लेकिन इन कंपनियों को अपने कर्मचारियों की आधी सैलरी अपनी तरफ से देनी होगी। ये कंपनियां 6.2 प्रतिशत सोशल सिक्योरिटी पेयरोल टैक्स के भुगतान को भी टला सकेंगी। इसके अलावा अस्पतालों को भी बड़ी मदद दी जाएगी। वहीं पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पैकेज के तहत एक नया इंस्पेक्टर जनरल नियुक्त किया जाएगा।
इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक बचाव पैकेज
कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका का दो ट्रिलियन डॉलर का ये राहत पैकेज इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक बचाव पैकेज है और इसका मकसद हफ्तों और महीनों कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच अर्थव्यवस्था को मंदी में जाने से बचाना है। ये पैकेज 2008 की आर्थिक मंदी के लिए समय बैंकों को बचाने के लिए जारी किए गए पैकेज और 2009 के रिकवरी एक्ट पैकेज की संयुक्त राशि से भी ज्यादा है।
लॉकडाउन के खिलाफ हैं ट्रंप
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में लॉकडाउन के खिलाफ हैं और उनका कहना है कि ये देश को तबाह कर सकता है। एक चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, "बहुत से लोग मुझसे सहमत हैं। हमारा देश बंद होने के लिए नहीं बना है। आप इस तरीके से बंद करके देश को बर्बाद कर सकते हैं... अगर हमारी कंपनियां डूबी तो लाखों नौकरियां जाएंगी।" उन्होंने ईस्टर यानि 12 अप्रैल तक अमेरिका को पूरी तरह से खोलने की बात कही है।