अमेरिका में व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन, ट्रंप को ले जाना पड़ा बंकर के अंदर
एक अश्वेत व्यक्ति की पुलिस कस्टडी में मौत के खिलाफ पूरे अमेरिका में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन लगातार छठवें दिन भी जारी रहे। प्रदर्शनों के दौरान कुछ जगहों पर हिंसा और लूटपाट भी देखने को मिल रही है। इस बीच खबर आई है कि शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों के व्हाइट हाउस के सामने इकट्ठा होने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस में ही स्थित अंडरग्राउंड बंकर में ले जाया गया था। वे लगभग एक घंटे इस बंकर में रहे।
सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को देख चौंक गई थी ट्रंप की टीम
'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर के अनुसार, शुक्रवार को जब सैकड़ों प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के सामने पहुंचे तो ट्रंप की टीम उन्हें देख कर चौंक गई। सीक्रेट सर्विस और अमेरिकी पार्क पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। इस बीच सुरक्षाकर्मी ट्रंप को व्हाइट हाउस के बंकर में ले गए और लगभग एक घंटे बाद उन्हें वापस ऊपर लाया गया। बता दें कि आतंकवादी हमले के समय ही राष्ट्रपति को इस बंकर के अंदर ले जाया जाता है।
पुलिसकर्मी के गर्दन पर घुटना रखने से हो गई थी अश्वेत युवक की मौत
25 मई को मिनेसोटा के मिनेपॉलिस शहर में 46 वर्षीय अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। काले धन के इस्तेमाल के बारे में पूछताछ करने के लिए पुलिसकर्मी फ्लॉयड के घर पहुंचे थे। जब फ्लॉयड ने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया तो उनको हथकड़ी लगा दी गई और डेरेक शॉविन नामक एक पुलिसकर्मी फ्लॉयड ने उसकी गर्दन पर घुटना रख दिया जिससे उसकी मौत हो गई।
अश्वेतों के खिलाफ पुलिस हिंसा और भेदभाव का प्रतीक बनी फ्लॉयड की मौत
घटना सामने आते ही मिनेपॉलिस में प्रदर्शन शुरू हो गए और जल्द ही ये देश के बाकी बड़े शहरों में भी फैल गए। फ्लॉयड की मौत अमेरिका में अश्वेतों के खिलाफ पुलिस हिंसा और भेदभाव का प्रतीक बन गई है। कई शहरों में 'आइ कांट ब्रीथ' (मैं सांस नहीं ले सकता) नाम से प्रदर्शन हुए जो फ्लॉयड के अंतिम शब्द थे। प्रदर्शनों के दौरान कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारी और प्रदर्शनकारी और श्वेत वर्चस्ववादी आमने-सामने आ गए।
रविवार को व्हाइट हाउस के सामने हुई हिंसा, छोड़े गए आंसू गैस के गोले
रविवार देर रात प्रदर्शनों के छठवें दिन व्हाइट हाउस के सामने स्थित एक छोटे से पार्क में हिंसा भड़क उठी और प्रदर्शनकारियों ने आसपास की इमारतों की खिड़कियों को नुकसान पहुंचाया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस दौरान व्हाइट हाउस की सभी बाहरी लाइटों को भी बंद कर दिया गया। असाधारण मौके पर ही व्हाइट हाउस की बाहरी लाइटों को बंद किया जाता है।
मिनेसोटा में शख्स ने प्रदर्शनकारियों पर ट्रक चढ़ाने की कोशिश की
मिनेसोटा में एक ट्रक ड्राइवर ने प्रदर्शन कर रहे हजारों लोगों पर ट्रक चढ़ाने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने इधर-उधर कूद तक अपनी जान बचाई। ट्रक के रुकने पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने ड्राइवर को बाहर निकाल लिया, लेकिन इसी बीच अन्य प्रदर्शनकारियों ने मौके पर पहुंच कर उसके साथ मारपीट न करने की अपील की। पुलिस के अनुसार, घटना में किसी प्रदर्शनकारी को चोट नहीं आई है, वहीं ड्राइवर को मामूली चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
न्यूयॉर्क में आगजनी से निकली दो मंजिल ऊंची आग की लपटें
न्यूयॉर्क शहर में भी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा देखने को मिली। रविवार रात 10 बजे के आसपास मैनहटन के यूनियन स्क्वायर पर कूड़े के ढेर और डिब्बों में आग लगा दी गई जिससे लगभग दो मंजिल ऊंची आग की लपटें निकलीं।
40 शहरों में लगाया गया कर्फ्यू
हिंसा को रोकने के लिए अमेरिका के राज्य कर्फ्यू का सहारा ले रहे हैं और अब तक 40 शहरों और वाशिंगटन DC में कर्फ्यू लगाया जा चुका है। कम से कम 15 राज्यों में नेशनल गार्ड को मदद के लिए बुलाया गया है। ट्रंप प्रशासन के हिंसा कर रहे प्रदर्शनकारियों को घरेलू आतंकवादियों के समान बताने के कारण पुलिस और प्रदर्शनकारियों में टकराव और बढ़ रहा है। ट्रंप पहले ही लूटपाट पर गोली मारे जाने की चेतावनी दे चुके हैं।