तकनीकी खामी के चलते अमेरिका ने चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ाने बंद किए, भारत ने भी मांगी रिपोर्ट
क्या है खबर?
अमेरिकी सेना ने चिनूक हेलिकॉप्टर के बेड़े को अस्थायी तौर पर उड़ाना बंद कर दिया है।
दरअसल, कुछ हेलिकॉप्टरों में ईंधन लीक होने के कारण इंजन में आग लगने की शिकायतें आई थीं। इसके बाद ऐहतियात के तौर पर यह फैसला लिया गया है। अमेरिकी सेना के बेड़े में 400 चिनूक कार्गो हेलिकॉप्टर शामिल हैं।
भारतीय वायुसेना भी चिनूक हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल करती है और उसने इस खराबी के सम्बंध में रिपोर्ट मांगी है।
बयान
खामी को दूर करने का हो रहा प्रयास- अमेरिका सेना
अमेरिकी सेना की प्रवक्ता सिंथिया स्मिथ ने कहा कि ईंधन लीक होने के कारणों का पता लगा लिया गया है और इसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। सभी हेलिकॉप्टरों में सुधार की जरूरत नहीं होगी और वो जल्द ही वापस उड़ान भर सकेंगे।
बता दें कि अमेरिका और भारत के अलावा करीब 20 देश ऐसे हैं, जहां की सेनाएं चिनूक हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रही हैं। कई जगहों पर दशकों से इनका इस्तेमाल जारी है।
चिनूक हेलिकॉप्टर
60 सालों से हो रहा इस्तेमाल
चिनूक हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल वियतनाम युद्ध के समय शुरू हुआ था। इसे करीब 36 लोगों को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया था, लेकिन युद्ध के आखिरी दिनों में एक चिनूक हेलिकॉप्टर ने 147 शरणार्थी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया था।
इसके बाद से इन हेलिकॉप्टरों को कई बार अपडेट किया गया है और वो अब वो पहले से ज्यादा क्षमता के साथ वजन और हथियार उठाकर उड़ान भर सकते हैं।
जानकारी
दुनिया का सबसे तेज सैन्य हेलिकॉप्टर है चिनूक
चिनूक को दुनिया का सबसे तेज सैन्य हेलिकॉप्टर माना जाता है और इसकी अधिकतम रफ्तार 315 किलोमीटर प्रति घंटा है।
अमेरिका ने इन्हें अफगानिस्तान, इराक, सीरिया और दूसरे देशों में तैनात किया था। अमेरिका और ब्रिटेन की सेना के पास इनका सबसे बड़ा बेड़ा है।
भारत के पास इस समय 15 चिनूक हेलिकॉप्टर हैं और इन्हें लद्दाख आदि स्थानों पर तैनात किया गया है। अमेरिका में इन विमानों को ग्राउंड करने के बाद भारत ने भी जानकारी मांगी है।
खास बातें
ये है चिनूक की खासियत
चिनूक हेलिकॉप्टर लगभग 11,000 किलो वजन तक के हथियार और सैनिकों को लेकर उड़ान भर सकता है।
हिमालयी क्षेत्र में ऊंचाई पर उड़ान भरने और में बहुत कारगर साबित हो सकता है। इसे छोटे हेलिपैड पर आसानी से उतारा जा सकता है।
अधिकतम 315 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड वाला यह हेलिकॉप्टर खराब मौसम में भी उड़ान भर सकता है।
इसका इस्तेमाल हथियारो, सैनिकों को लाने-ले जाने के अलावा आपदा राहत के काम भी किया जा सकता है।