बाइडन का ऐलान- WHO और पेरिस जलवायु समझौते में फिर से शामिल होगा अमेरिका

अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरूवार को ऐलान किया कि उनके कार्यकाल में अमेरिका फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और पेरिस जलवायु समझौते में शामिल होगा और वे सुनश्चित करेंगे कि चीन नियमों का पालन करे। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका WHO और जलवायु समझौते से बाहर निकला था और बाइडन के नेतृत्व में इनमें अमेरिका की वापसी की उम्मीद पहले से ही जताई जा रही थी।
डेलवेयर के विल्मिंगटन में राज्यों के गर्वनरों के साथ बैठक में चीन को दंडित करने के सवाल का जबाव देते हुए बाइडन ने कहा, "ये इतना चीन को दंडित करने के बारे में नहीं है, बल्कि ये सुनिश्चित करने के बारे में है कि चीन समझे कि उसे नियमों का पालन करना होगा। इसी कारण उनका प्रशासन WHO के साथ फिर से जुड़ेगा। हम पहले दिन इससे जुड़ने जा रहे हैं। हम पेरिस जलवायु समझौते में भी शामिल होंगे।"
बाइडन ने कहा कि अमेरिका को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि बाकी दुनिया भी उसके साथ आए और चीन के लिए कुछ सीमाएं बनाई जाएं। इस दौरान उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि WHO में कुछ सुधारों की जरूरत है।
बता दें कि ट्रंप के चार साल के कार्यकाल में अमेरिका और चीन के संबंधों में भारी उतार-चढ़ाव आया है और कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत के बाद से तो ये और खराब हो गए हैं। ट्रंप के WHO और पेरिस जलवायु समझौते जैसे तमाम वैश्विक समझौते से अमेरिका को बाहर खींचने से भी चीन को फायदा हुआ है और अमेरिका की गैरमौजूदगी में उसके लिए अपना प्रभुत्व बढ़ाना आसान साबित हुआ है।
अमेरिका को हो रही इसी नुकसान की वजह से ये तय माना जा रहा था कि बाइडन WHO और पेरिस समझौते में फिर से शामिल होंगे और वह इसका वादा भी कर चुके थे। विशेषज्ञों का मानना है कि उनका मुख्य काम अमेरिका की विदेश नीति को पहले की तरह स्थिरता देना होगा जो ट्रंप के कार्यकाल में उथल-पुथल से भरी रही है। चीन पर उनका रुख कड़ा रह सकता है, लेकिन यह ट्रंप की तुलना में अधिक स्थिर होगा।
बता दें कि ट्रंप के कार्यकाल में चीन और अमेरिका के बीच सैन्य तनाव भी बढ़ा है और पिछले एक साल में कई बार दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागीरी को लेकर अमेरिका को दखलअंदाजी करनी पड़ी है। अमेरिकी सीनेट की विदेशी मामलों की समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और यूरोप का मानना है कि चीन उनके लिए राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक चुनौती है और इससे निपटने के लिए वह साथ काम कर रहे हैं।
रिकॉर्ड संख्या में मेल-इन वोटिंग (डाक के जरिए भेजे गए वोट) के कारण देरी से आए अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को अच्छे-खासे अंतर से हराया है। बाइडन को कुल 306 इलेक्टोरल वोट मिले हैं जो जीत के लिए जरूरी 270 इलेक्टोरल वोट से 36 अधिक हैं, वहीं ट्रंप को 232 इलेक्टोरल वोट से ही संतोष करना पड़ा है।