अमेरिका का वीजा चाहिए तो देनी होगी सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी, कड़े हुए नियम
क्या है खबर?
अवैध आप्रवासियों को लेकर शुरू से सख्त रहे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार ने वीजा नियमों को और कड़ा कर दिया है।
ताजा बदलावों के अनुसार, अब अमेरिका के वीजा के लिए आवेदन कर रहे लोगों को अपने उन सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी देनी पड़ेगी, जिन्हें वह पिछले 5 साल से इस्तेमाल कर रहे हैं।
नए कानून का सबसे ज्यादा असर यात्रा वीजा के आवेदकों पर पड़ेगा।
पूरा मामला क्या है, आइए आपको बताते हैं।
नए नियम
ट्रम्प ने दिया था वीजा आवेदनों की सख्त जांच का आदेश
दरअसल, राष्ट्रपति ट्रम्प ने 2017 में वीजा आवेदनों की सख्त जांच का एक कार्यकारी आदेश जारी किया था।
इसके एक साल बाद 2018 में अमेरिकी सरकार के राज्य विभाग ने कहा था कि वह सभी वीजा आवेदकों की सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच करने संबंधी नियम को लागू करने वाले हैं।
इनमें यात्रा वीजा के लिए आवेदन करने वाले लोग भी शामिल हैं और केवल राजनयिक दौरे पर आए लोगों को इस नियम से छूट मिलेगी।
प्रभाव
प्रभावित होंगे करीब 1.4 करोड़ आवेदक
मौजूदा नियमों के मुताबिक केवल उन वीजा आवेदकों को अपने सोशल मीडिया खातों की जानकारी देनी होती थी, जो आतंकवादी संगठनों द्वारा नियंत्रित देशों में यात्रा कर चुके हैं।
लगभग 65,000 आवेदकों को इस जांच से गुजरना पड़ता था।
लेकिन अब नया कानून लागू होने के बाद सभी आवेदकों को ये जानकारी देनी होगी और ये लगभग 1.4 करोड़ लोगों को प्रभावित करेगा।
उन्हें अपने टेलीफोन नंबर और यात्रा इतिहास की जानकारी भी देनी होगी।
प्रक्रिया
कैसे काम करेगा नया नियम?
इसी महीने से लागू होने जा रहे इस नियम में आवेदकों को ई-फॉर्म डी-160 और डी-260 में सोशल मीडिया संबंधी जानकारी देनी होगी। उनसे पासवर्ड नहीं मांगा जाएगा।
अभी इस सूची में फेसबुक, ट्विटर, फ्लिकर, गूगल प्लस, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन और यूट्यूब जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेफॉर्म शामिल हैं।
अगर आवेदक सोशल मीडिया प्रयोग नहीं करते तो वह ऐसा लिख सकते हैं।
अगर ये जानकारी झूठी पाई गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और उन्हें वापस भेजा जा सकता है।
बयान
सरकार का तर्क, आतंकियों को दूर रखने में होगी मदद
एक अधिकारी ने कहा, "जैसा कि हमने पिछले कुछ सालों में देखा है, सोशल मीडिया आतंकी भावनाओं और गतिविधियों के लिए एक बड़ा मंच हो सकता है। इनसे हमें आतंकियों और अन्य खतरनाक व्यक्तियों को आप्रवास का लाभ उठाने से दूर रखने में मदद मिलेगी।"
विरोध
नियमों से बढ़ेगा भेदभाव और वीजा मिलने का समय
2018 में अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने यह कहते हुए इस कानून का विरोध किया था कि इससे वीजा आवेदक अधिकारियों की दया पर निर्भर हो जाएंगे।
संगठन ने कहा था, "इस बात का खतरा है कि इस नियम की मदद से मुस्लिम देशों से आने वाले आप्रवासियों और यात्रियों के साथ भेदभाव किया जाएगा।"
नए नियमों से वीजा मिलने में लगने वाले समय में वृद्धि की आशंका भी जताई जा रही है।