अफगानिस्तान: तालिबान ने लोगों से सात दिनों में सरकारी संपत्तियां और हथियार जमा कराने को कहा
अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुके तालिबान ने नागरिकों से सभी सरकारी संपत्ति, वाहन और हथियार एक सप्ताह के भीतर जमा कराने को कहा है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि जिन नागरिकों के पास सरकारी हथियार, गाड़ी, संपत्ति या दूसरी चीजें हैं तो वो एक सप्ताह के भीतर संबंधित विभाग के पास जमा करवा दें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो उन्हें इसका नतीजा भुगतना पड़ सकता है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जमा न कराने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमे की बात
तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्ला मुजाहिद ने बयान जारी कर कहा है कि काबुल में जिन लोगों के पास सरकारी चीजें, हथियार, गाड़ियां हैं, वो इन्हें एक सप्ताह के भीतर संबंधित विभागों को सौंप दें। ऐसा न करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। दरअसल, ऐसी खबरें हैं कि पिछले कुछ दिनों में कई लोगों ने सैन्य उपकरण, गाड़ियां, बंदूकें और सरकारी दफ्तरों से दूसरा सामान लूटकर अपने घरों में जमा कर लिए हैं।
तालिबान ने लड़ाकों से घरों की तलाशी न लेने को कहा- रिपोर्ट्स
कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि तालिबान ने इस मामले पर अंतिम फैसला लेने से पहले अपने लड़ाकों से लोगों के घरों में घुसकर सामान तलाश न करने को कहा है। सामान जमा कराने के लिए एक सप्ताह दिया गया है।
आजादी पर सख्त पाबंदियां नहीं होंगी- तालिबान
मानवाधिकार के हनन की लगातार आ रही खबरों के बीच तालिबान ने दावा किया है कि अफगान नागरिकों की आजादी पर 'सख्त पाबंदियां' नहीं लगाई जाएंगी। शुक्रवार को टीवी पर दिए संदेश में तालिबान के राजनीतिक आयोग के उप प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बाद स्टेनिकजई ने कहा कि अफगानिस्तान की सीमाएं खोल दी जाएंगी और लोग अपनी मर्जी से देश के अंदर और बाहर आ-जा सकेंगे। इससे पहले तालिबान ने लोगों के देश न छोड़ने को कहा था।
दावों के विपरित काम कर रहा तालिबान
बीते कुछ दिनों में ऐसे कई खबरें आई हैं, जिनसे पता चलता है कि तालिबान लोगों को चुन-चुन कर निशाना बना रहा है। बताया गया है कि तालिबान के लड़ाकों ने उन लोगों के घरों की तलाशी ली है, जिन्होंने बीते 20 सालों के दौरान अमेरिका और उसके सहयोगियों की मदद की थी। ऐसी ही प्रताड़नाओं से बचने के लिए हजारों की संख्या में लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं और वो काबुल हवाई अड्डे के पास जमे हुए हैं।
सरकार बनाने की तैयारी में जुटा है तालिबान
बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा किया था और इसके साथ ही उसका कुछ जगहों को छोड़कर पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण हो गया था। राष्ट्रपति अशरफ गनी तालिबान के काबुल के पास पहुंचते ही देश छोड़कर भाग गए और फिलहाल वो संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में शरण लिए हुए हैं। तालिबान इन दिनों अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, उसने साफ कर दिया है कि यहां लोकतंत्र नहीं होगा।