दक्षिण एशिया क्यों वायु प्रदूषण का वैश्विक हॉटस्पॉट बनता जा रहा है?
भारत समेत दक्षिण एशिया के कई इलाकों में सर्दियां आते ही वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे लोगों के लिए सांस लेना दूभर हो जाता है। इसके प्रभाव से लाखों आम लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। एक अध्ययन से पता चला है कि दुनियाभर में 4 सबसे प्रदूषित देश और सबसे प्रदूषित 10 शहरों में से 9 शहर दक्षिण एशियाई देशों के हैं। आइए क्षेत्र में इतने भीषण वायु प्रदूषण का कारण जानते हैं।
दक्षिण एशिया में प्रदूषण क्यों बढ़ रहा?
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशियाई देशों में पिछले 2 दशकों में औद्योगीकरण, आर्थिक विकास और जनसंख्या वृद्धि के कारण ऊर्जा और जीवाश्म ईंधन की मांग में तेजी आई है। उद्योगों और वाहनों से निकलने वाले प्रदूषकों के साथ-साथ कोयला जलाने, शव दाह और फसलों के अवशेषों को जलाने के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। उदाहरण के लिए. इस साल दिल्ली में लगभग 38 प्रतिशत प्रदूषण पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण हुआ है।
प्रदूषण कम करने के प्रयास कारगर क्यों नहीं हो रहे?
इन देशों ने प्रदूषण कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन योजनाएं बनाने, अधिक प्रदूषण निगरानी केंद्र स्थापित करने और स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल जैसे कदम उठा हैं। इसके बावजूद प्रदूषण के स्तर में अधिक गिरावट नहीं आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका कारण इन देशों के प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों में समन्वय की कमी है। अध्ययन के अनुसार, प्रदूषक कण सैकड़ों किलोमीटर जा सकते हैं और सीमाओं से परे अन्य देशों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
प्रदूषण कम करने के लिए क्या समाधान किए जा सकते हैं?
दक्षिण एशियाई देशों को प्रदूषण को कम करने के लिए अपनी नीतियों में समन्वय लाना होगा। इसके अलावा कृषि और कचरे के प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देना होगा। उदाहरण के लिए, पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए सरकारें बेहतर कटाई मशीनों पर सब्सिडी दे सकती हैं। इन देशों को जहां भी आवश्यक हो, वहां स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप समाधान बनाकर उन्हें प्रचारित करना होगा।
न्यूजबाइट्स प्लस
स्विट्जरलैंड की कंपनी एक्यूएयर ने दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की एक सूची जारी की थी। इसके अनुसार, रविवार सुबह 7:30 बजे 483 AQI अंक से साथ दिल्ली अभी भी सबसे प्रदूषित शहरों में शीर्ष पर था, जबकि पाकिस्तान का लाहौर 371 AQI के साथ दूसरे स्थान पर था। इसके बाद कोलकाता और मुंबई भी क्रमशः 206 और 162 AQI अंक के साथ वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित 5 शहरों में शामिल थे।