कोरोना वायरस: SAARC देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने रखा आपातकालीन फंड का प्रस्ताव
क्या है खबर?
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC) के सदस्य देशों के साथ आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस को लेकर चर्चा की।
इस चर्चा के दौरान उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए SAARC देशों का आपातकालीन फंड बनाने का प्रस्ताव रखा।
इस फंड में योगदान देना पूरी तरह से वैकल्पिक होगा। भारत ने शुरूआती तौर पर इसमें एक करोड़ डॉलर का योगदान देने का प्रस्ताव रखा है।
जानकारी
क्या है SAARC?
SAARC दक्षिण एशिया के देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका इसके सदस्य देश हैं।
पृष्ठभूमि
शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने रखा था चर्चा का प्रस्ताव
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए SAARC देशों के बीच इस पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, 'हमारी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है। विभिन्न स्तर पर सरकारें और लोग इसका मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। वैश्विक आबादी के एक बड़े हिस्से के घर दक्षिण एशिया को ये सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए कि हमारे लोग स्वस्थ रहें।'
प्रेस कॉन्फ्रेंस
पाकिस्तान को छोड़ सभी देशों के शीर्ष नेताओं ने लिया हिस्सा
पाकिस्तान समेत सभी SAARC देशों ने प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का स्वागत किया था और आज जब शाम पांच बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए ये चर्चा हुई तो पाकिस्तान को छोड़ बाकी सभी देशों के शीर्ष नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली और भूटान के प्रधानमंत्री लोतेय त्शेरिंग ने इसमें हिस्सा लिया।
संबोधन
क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अभी तक SAARC देशों में 150 से भी कम मामले सामने आए हैं, लेकिन हमें सतर्क बने रहने की जरूरत है क्योंकि हमारे SAARC क्षेत्र में दुनिया की जनसंख्या का पांचवां हिस्सा रहता है।"
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के सामने बड़ी चुनौती है, इसलिए सभी देशों को एक साथ मिलकर तैयारी करने, कार्रवाई करने और सफल होने की जरूरत है।
कोरोना से लड़ाई
प्रधानमंत्री मोदी का मंत्र- तैयारी करनी है, लेकिन घबराना नहीं है
कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारी मंत्र 'तैयारी करना और घबराना नहीं' रहा है। हमें समस्या को कम करके आंकने के प्रति सावधान रहने की जरूरत है लेकिन इसी के साथ बेहद कठोर फैसले लेने से बचने की भी जरूरत है। हमने सक्रिय कदम उठाने की कोशिश की है... हमने जनवरी के मध्य में ही लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।"
राजनीति
राजनीति से बाज नहीं आया पाकिस्तान, उठाया जम्मू-कश्मीर का मुद्दा
पाकिस्तान इस बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे पर हुई चर्चा के दौरान भी राजनीति करने से बाज नहीं आया और इसमें जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया।
बैठक में शामिल हुए पाकिस्तान के स्वास्थ्य राज्य मंत्री जफर मिर्जा ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर से सभी तरह के प्रतिबंध हटाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, "ये चिंता का विषय है कि जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस का मामला सामने आया है... इसलिए जरूरी है सभी पाबंदियां हटा दी जाएं।"