
कोरोना वायरस संकट के कारण 39.5 करोड़ अतिरिक्त लोग हो सकते हैं अत्यंत गरीब- रिपोर्ट
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के कारण 39.5 करोड़ अतिरिक्त लोग अत्यंत गरीबी के गर्त में जा सकते हैं और इससे दुनियाभर में अत्यंत गरीबों की संख्या एक अरब से अधिक हो जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र यूनिवर्सिटी के UNU-WIDER द्वारा शुक्रवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में ये अनुमान लगाया गया है। लंदन के किंग्स कॉलेज और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने स्टडी की है।
इसमें प्रतिदिन 1.90 डॉलर (लगभग 76 रुपये) कमाने वाले लोगों को अत्यंत गरीब माना गया है।
रिपोर्ट
प्रति व्यक्ति आय में 20 प्रतिशत कमी पर अत्यंत गरीब होंगे 1.12 अरब लोग
शोधकर्ताओं ने विश्व बैंक की सभी गरीबी रेखाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न परिद्श्यों में सबसे गरीब तबके पर कोरोना वायरस महामारी के असर का अनुमान लगाया है। इसमें प्रतिदिन 1.90 डॉलर से लेकर प्रतिदिन 5.50 डॉलर (लगभग 420 रुपये) कमाने वालों को गरीबी रेखा के नीचे माना गया है।
सबसे बुरी स्थिति में प्रति व्यक्ति आय में 20 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है और 1.12 अरब लोग अत्यंत गरीबी की रेखा से नीचे जा सकते हैं।
अनुमान
गरीबी रेखा से नीचे जा सकती है दुनिया की आधी आबादी
इसी तरह प्रति व्यक्ति आय में 20 प्रतिशत कमी पर 5.5 डॉलर की गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या 3.7 अरब हो जाएगा जो दुनिया की कुल आबादी के आधे से अधिक है।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि दक्षिण एशिया के लोगों के अत्यंत गरीबी में जाने की सबसे अधिक संभावना है, जिसमें भारत एक बड़ा कारक साबित होगा। इसके बाद सब-सहारा अफ्रीका में सबसे अधिक लोगों को अत्यंत गरीबी में जाने की संभावना है।
बयान
सरकारों ने कुछ नहीं किया तो गरीबी खत्म करना बन जाएगा कल्पना- लेखक
रिपोर्ट के लेखकों में शामिल एंडी समनर ने कहा, "यदि सरकारें जल्द ही कुछ और नहीं करतीं और गरीबों की आय में होने वाली कमी की भरपाई के लिए कुछ नहीं करतीं, तो विश्व के सबसे अधिक गरीबों का भविष्य अंधकार में है।"
उन्होंने आगे कहा, "गरीबी घटाने के लक्ष्य 20-30 साल पीछे चले जाएंगे और गरीबी खत्म करने का संयुक्त राष्ट्र (UN) का लक्ष्य मात्र एर कल्पना बनकर रह जाएगा।"
बयान
UN महासचिव ने भी कहा- 4.9 करोड़ अतिरिक्त लोग होंगे अत्यंत गरीबी का शिकार
इस बीच UN के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी कहा है कि कोरोना वायरस संकट के कारण इस साल करीब 4.9 करोड़ अतिरिक्त लोग अत्यंत गरीबी का शिकार हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि खाद्य और पोषण की कमी का सामना करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है और यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो वैश्विक खाद्यान्न में भीषण आपातकालीन स्थिति पैदा हो सकती है।
उन्होंने देशों से तत्काल इस दिशा में कदम उठाने को कहा।
भुखमरी
पर्याप्त खाना मौजूद, फिर भी 80 करोड़ लोग भुखमरी का शिकार- गुटेरेस
गुटेरेस ने कहा कि अभी दुनिया की 7.8 अरब आबादी को भोजन प्रदान करने के लिए पर्याप्त से अधिक खाद्य पदार्थ मौजूद हैं, लेकिन फिर भी 82 करोड़ से ज्यादा लोग भुखमरी का शिकार हैं और इससे पांच वर्ष से कम आयु के 14.4 करोड़ बच्चों का विकास रुका हुआ है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक GDP में प्रति प्रतिशत गिरावट पर सात लाख अतिरिक्त बच्चों का विकास रुकेगा।
गुटेरेस ने देशों से जिंदगी और आजीविका दोनों बचाने को कहा।