दिल्ली वायु प्रदूषण: हाई कोर्ट ने शहर को बताया 'गैस चैंबर', उपराज्यपाल ने बुलाई अहम बैठक
क्या है खबर?
दिल्ली में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। प्रदूषण में वृद्धि के बीच पेड़ों की कटाई को लेकर शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के वन विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई
हाई कोर्ट ने कहा, "आप चाहते हैं कि लोग गैस चैंबरों में रहें? दिल्ली में प्रदूषण के लिए आप जिम्मेदार हैं।"
इस बीच वायु प्रदूषण के मद्देनजर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अहम बैठक बुलाई है।
फटकार
हाई कोर्ट ने क्या कहा?
पेड़ों की कटाई के लिए वन अधिकारियों के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की।
जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा, "ऐसी मशीनें हैं, जो AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) रिकॉर्ड करती हैं। ये मशीनें अधिकतम 999 अंक तक रिकॉर्ड कर सकती हैं। आज हम इस आंकड़े को छू रहे हैं। ये अधिकारियों में संवेदनशीलता की कमी के कारण है।"
याचिका में पेड़ों की कटाई से वायु प्रदूषण बढ़ने की बात कही गई है।
अहम बैठक
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के साथ अहम बैठक बुलाई
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से उत्पन्न बेहद चिंताजनक स्थिति को लेकर राज्यपाल वीके सक्सेना ने अपने राज निवास पर आज शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ एक बैठक बुलाई है।
इससे पहले राज्यपाल ने दिल्लीवासियों से अपील करते हुए कहा कि वह जितना संभव हो सके, घर के अंदर रहें। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों से घरों में रहने को कहा है।
दिल्ली
दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शुक्रवार सुबह दिल्ली के अधिकांश इलाकों में AQI 400 से लेकर 500 अंक के बीच दर्ज किया गया।
0-50 के बीच AQI 'अच्छा', 51-100 के बीच 'संतोषजनक', 101-200 के बीच 'मध्यम', 201-300 के बीच 'खराब', 301-400 के बीच ' बेहद खराब', 401-500 के बीच 'गंभीर' और इससे ऊपर खतरनाक होता है।
प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत तीसरे चरण की पाबंदियां लागू हो गईं हैं।
पाबंदी
GRAP के चौथे चरण में क्या पाबंदी लागू होंगी?
अभी तक वायु गुणवत्ता के आधार पर दिल्ली में GRAP के 4 चरणों में से अभी दूसरा चरण लागू था, लेकिन AQI के 401 से 500 रहने पर अब तीसरा चरण लागू हो गया है।
इसके तहत दिल्ली में कमर्शियल वाहनों और ट्रकों के प्रवेश और गैर-आवश्यक निर्माण कार्य और तोड़फोड़ पर रोक लगाई गई है।
अब BS-3 और BS-4 डीजल वाहन भी दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इससे 3 लाख से अधिक वाहनों पर असर पड़ेगा।