#NewsBytesExplainer: इजरायल ने ही किया था हमास को खड़ा, अब उल्टा पड़ा दांव; जानें पूरी कहानी
इजरायल-हमास युद्ध में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और ये आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इजरायल ने हमास के खात्मे का संकल्प लिया है। हालांकि, इस बीच आरोप लग रहे हैं कि इजरायल ने ही हमास की आर्थिक मदद की, जिस वजह से हमास इतना ताकतवर हो पाया। अब हमास ही इजरायल का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया है। आइए समझते हैं कि ये आरोप क्या हैं और इजरायल ने ऐसा क्यों किया।
इजरायल पर क्या आरोप हैं?
सऊदी अरब के खुफिया प्रमुख और राजकुमार तुर्की अल-फैसल ने इजरायल पर हमास को 'कतर का धन' देने का आरोप लगाया है। उन्होंने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि गाजा में फिलिस्तीनी परिवारों को मिले वाली कतर की वित्तीय सहायता इजरायल से होकर गुजरती है। आरोप है कि इस धन के जरिए ही इजरायल ने हमास को अपने लाभ के लिए मजबूत किया, लेकिन 7 अक्टूबर के हमले ने दिखाया कि उसका ये दांव कितना गलत था।
इजरायल के जरिए कैसे होती है हमास की फंडिंग?
हमास को सबसे ज्यादा आर्थिक मदद कतर की ओर से होती है। कतर पहले PA के जरिए गाजा को मदद भेजता था, लेकिन अब इजरायल के जरिए भेजता है। कतर इजरायल को पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करता है, फिर इजरायल और संयुक्त राष्ट्र (UN) के अधिकारी ये राशि नगदी में गाजा में जाकर बांट देते हैं। जिन लोगों को राशि मिलती है, वे एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हैं, जिसकी एक-एक प्रति इजरायल, कतर और UN को भेजी जाती है।
नेतन्याहू सरकार ने क्यों की हमास की मदद?
द टाइम्स ऑफ इजरायल के लेख के अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की इजरायल सरकार फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक की सत्ता पर काबिज फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) को मजबूत नहीं होने देना चाहती क्योंकि PA शांति वार्ता के जरिए फिलिस्तीन के गठन का समर्थक है और इससे इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ सकता है। PA को कमजोर करने के लिए ही इजरायल ने हमास की मदद की और मिस्र के जरिए बातचीत कर उसे विदेशी मदद प्राप्त करने की अनुमति दी।
क्या है नेतन्याहू की योजना?
दरअसल, बेंजामिन नेतन्याहू स्वतंत्र फिलिस्तीनी देश का गठन नहीं चाहते। द जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने संसद समिति के सदस्यों से कहा था, "एक संप्रभु राज्य स्थापित करने की फिलिस्तीनी उम्मीदों को खत्म किया जाना चाहिए।" उनका मानना है कि हमास जैसी संगठनों के जरिए हमेशा टकराव की स्थिति को बरकरार रखकर फिलिस्तीन के निर्माण को रोका जा सकता है। वेस्ट बैंक के भीतर इजरायली बस्तियों का निर्माण भी 'द्विराष्ट्र' समाधान को खत्म करने का हिस्सा है।
हमास ने कैसे दिया इजरायल को चकमा?
हमास ने रणनीति के तहत इजरायल पर रुख नरम करने के संकेत दिए। 2017 में हमास नेता खालिद मशाल ने इजरायल देश को स्वीकार करने की बात कही। हमास ने इजरायल को भरोसा दिलाया कि वो हमले के लिए तैयार नहीं है, लेकिन गुपचुप तरीके से खुद को मजबूत करता रहा। टाइम्स ऑफ इजरायल के पत्रकार कहते हैं कि 2014 के बाद नेतन्याहू सरकार ने गाजा में गुब्बारों और रॉकेट को लेकर आंखें मूंद लीं। यही उस पर भारी पड़ा।
न्यूजबाइट्स प्लस
7 अक्टूबर को शुरू हुए इजरायल और हमास के युद्ध में अब तक 10,063 लोगों की मौत हो चुकी है। इजरायल के 1,538 लोग मारे गए हैं और 5,431 घायल हुए हैं। दूसरी ओर इजरायल के हमलों में गाजा पट्टी के 8,525 लोग मारे गए हैं और 21,543 से अधिक घायल हुए हैं। हमास ने इजरायल के 224 नागरिकों को अभी भी बंधक बना रखा है, जिन्हें छुड़ाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।