पाकिस्तान ने भारत विरोधी आतंकी संगठनों को रोकने के लिए उठाए थे कुछ कदम- अमेरिकी रिपोर्ट
क्या है खबर?
पाकिस्तान ने पिछले साल भारत विरोधी आतंकवाद को रोकने के लिए कुछ कदम उठाए थे। अमेरिकी गृह विभाग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
हालांकि, इन कदमों के बावजूद भारत और अफगानिस्तान को निशाना बनाने वाले कई आतंकी संगठन पाकिस्तानी जमीन से काम करते रहे और मसूद अजहर जैसे खूंखार आतंकवादी बिना किसी प्रतिबंध के आजाद घूम रहे थे।
आइये जानते हैं कि इस रिपोर्ट में और क्या बताया गया है।
आतंकवाद
पाकिस्तान ने कई आतंकियों को दोषी करार दिया- रिपोर्ट
अमेरिकी गृह विभाग की 2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म रिपोर्ट में लिखा गया है, 'पाकिस्तान ने 2020 में आतंकी फंडिंग और भारत केंद्रित आतंकी समूहों को हमला करने से रोकने के लिए कुछ कदम उठाए थे। पाकिस्तान ने लश्कर के सरगना हाफिज सईद और चार अन्य आतंकियों को कई आतंकी फंडिंग मामलों में सजा सुनाई है।'
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इसमें आगे कहा गया है कि पाकिस्तान ने इनके अलावा बाकी आतंकी समूहों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
पाकिस्तान
मसूद अजहर के खिलाफ नहीं की कोई कार्रवाई- रिपोर्ट
रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान की कुछ समूहों के खिलाफ कार्रवाई के बावजूद अफगान तालिबान और उससे जुड़े HQN, भारत में आतंकी गतिविधियां चलाने वाले जैश-ए-मोहम्मद और उससे संबंधित दूसरे आतंकी समूह उसकी धरती से अपना संचालन कर रहे थे। पाकिस्तान ने जैश के सरगना और संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित किए जा चुके मसूद अजहर और मुंबई हमले के आरोपी साजिद मीर के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। ये दोनों पाकिस्तान में आजाद घूम रहे हैं।
रिपोर्ट
लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिद्दीन आदि बड़े आतंकी समूह
अमेरिकी गृह विभाग की इस रिपोर्ट में अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान के योगदान को रेखांकित किया गया है।
साथ ही पाकिस्तान के इन कदमों को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की तरफ से तय मानदंडों के अनुकूल बताया गया है।
अमेरिका ने लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिद्दीन, इस्लामिक स्टेट को भारतीय उपमहाद्वीप के लिए बड़े आतंकी समूह माना है। वहीं जमात-उल-मुजाहीद्दीन को भारत में ऑपरेट होने वाला बड़ा आतंकी समूह करार दिया है।
अमेरिकी रिपोर्ट
भारत के संदर्भ में क्या कहा गया है?
भारत के संदर्भ में रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित इलाकों में हिंसक गतिविधियों का जिक्र किया गया है।
रिपोर्ट कहती है कि भारत में आतंकवाद के खिलाफ कोई राष्ट्रीय नीति नहीं है। ऐसे मामलों के लिए गृह मंत्रालय प्रमुख एजेंसी के तौर पर काम करता है और इसमें एक आतंकरोधी डिविजन है।
रिपोर्ट कहती है कि ऐसे मामलों में रणनीति के लिए राज्यों की जिम्मेदारी रहती है। इसलिए इन घटनाओं को रोकने के लिए समान प्रयास नहीं हो पाते।