भारत और अमेरिका का तालिबान को संदेश, कहा- आतंकी गतिविधियों के इस्तेमाल न हो अफगानी जमीन
भारत और अमेरिका ने तालिबान से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को संचालित और आतंकवादियों को पनाह देने के लिए न हो। साथ ही दोनों देशों ने अफगानिस्तान से अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों, महिलाओं, और बच्चों समेत सभी अफगानियों के मानवाधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया है। बता दें कि तालिबान ने पिछले महीने अफगानिस्तान पर कब्जा कर अपनी सरकार बनाई है।
तालिबान से UNSC के प्रस्ताव के पालन का आह्वान
बयान में कहा गया है कि तालिबान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव 2593 (2021) का पालन करना चाहिए। इसके मुताबिक अफगानी क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश को धमकाने या हमले करने, आतंकियों को प्रशिक्षण देने या शरण देने, आतंकी घटनाओं की योजना और फंडिंग वित्तपोषण के लिए दोबारा कभी नहीं होना चाहिए। साथ ही बयान में अफगानिस्तान में आतंकवाद से निपटने के महत्व पर जोर दिया गया है।
मोदी और बाइडन की मुलाकात के बाद जारी हुआ बयान
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच पहली मुलाकात के बाद यह साझा बयान जारी किया गया है। इसमें भारत और अमेरिका ने तालिबान को इन और अन्य प्रतिबद्धताओं का पालन करने के लिए कहा है। दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में मानवीय सहायता पहुंचाने के प्रयासों के महत्व पर जोर देते हुए तालिबान से संयुक्त राष्ट्र और दूसरी एजेंसियों को पूर्ण, सुरक्षित और बिना किसी बाधा की पहुंच देने को कहा है।
'अफगानिस्तान के समावेशी भविष्य के लिए काम करते रहेंगे दोनों देश'
बयान में कहा गया है कि दोनों देश अफगानिस्तान के लोगों के लिए विकास और आर्थिक मौकों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है और वो साझेदारों के साथ मिलकर अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण और समावेशी भविष्य के लिए काम करते रहेंगे।
शुक्रवार को हुई थी मोदी और बाइडन की मुलाकात
जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और जो बाइडन के बीच शुक्रवार को पहली बार मुलाकात हुई थी। बैठक के बाद भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा की थी। बाइडन और मोदी के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में भारत और अमेरिका के विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली थी।
तालिबान ने बना ली है सरकार
अगस्त में काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने इस महीने की शुरुआत में अपनी कार्यवाहक सरकार का ऐलान किया था और इसमें किसी महिला को शामिल नहीं किया गया है। तालिबान ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री और मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया है और शरिया कानून के तहत शासन चलाने की बात कही है। अखुंद समेत इस सरकार में शामिल कई लोगों को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित किया हुआ है।