हवाई शक्ति मजबूत करने के लिए रॉकेट फोर्स बनाने पर विचार कर रहा भारत- जनरल रावत
राष्ट्र सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर देते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल विपिन रावत ने बुधवार को कहा कि भारत रॉकेट फोर्स तैयार करने पर विचार कर रहा है। हालांकि, उन्होंने इस योजना पर विस्तार से जानकारी नहीं दी है। पड़ोसी देशों की तरफ से खतरों की आशंका जताते हुए जनरल रावत ने कहा, "हमें तैयार रहने की जरूरत है और साथ मिलकर यह काम हो सकता है।"
"पंजाब और दूसरे हिस्सों में परेशानी खड़ी करने की कोशिश में पाकिस्तान"
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में भारत के खिलाफ 'छद्म युद्ध' जारी रखेगा और अब यह पंजाब और देश के दूसरे हिस्सों में परेशानी खड़ी करने की कोशिश कर रहा है।
रॉकेट फोर्स के गठन पर विचार कर रहे- रावत
उन्होंने कहा, "जहां तक उत्तरी विरोधियों की बात है तो हमारा उनके साथ सीमा विवाद है और उन्होंने पूर्वी तट और दक्षिण चीन सागर में आक्रमकता प्रदर्शित की है। क्या (चीन) हमारी उत्तरी सीमाओं पर भी आक्रमक रवैया अपनाने की कोशिश करेगा? यह सीधे आक्रमण या तकनीक के जरिये हो सकता है और हमें तैयार रहने की जरूरत है। यह काम साथ मिलकर हो सकता है। हम रॉकेट फोर्स तैयार करने पर विचार कर रहे हैं।"
रावत बोले- भविष्य की चुनौतियों से निपटने में तकनीक अहम
CDS ने कहा कि भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सशस्त्र बलों के बीच समन्वय सुनिश्चित करना अहम है। उन्होंने कहा कि कूटनीति, सूचना, सेना और आर्थिक कौशल के बाद तकनीक राष्ट्रशक्ति का पांचवां स्तंभ है और तीनों सेनाओं को भविष्य की चुनौतियों से पार पाने के लिए तकनीक की अहमियत को समझना होगा। अपने संबोधन में उन्होंने सेना के सामने चुनौतियों, सेना में सुधार और सुरक्षा के मामले पर विस्तार से विचार रखे थे।
अफगानिस्तान पर क्या बोले रावत?
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर बोलते हुए जनरल रावत ने कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि तालिबान इतना जल्दी देश पर कब्जा कर लेगा। उन्होंने कहा, "सिर्फ वक्त ही बता पाएगा कि क्या होगा। हमें इंतजार करना चाहिए। हमें नहीं पता कि भविष्य में अफगानिस्तान में क्या होने वाला है। अभी यहां और उथल-पुथल हो सकती है और ऐसे बदलाव हो सकते हैं, जो अभी तक किसी ने सोचे नहीं हैं।"
"अफगानिस्तान में दखल देना शुरू कर सकता है चीन"
रावत ने अपने संबोधन में आगे कहा कि तुर्की और ईरान से संबंध मजबूत करने के बाद चीन तेजी से अफगानिस्तान में अपने पैर मजबूत कर रहा है। संभव है कि वह बहुत जल्द अफगानिस्तान में दखल देना भी शुरू कर दे।