पाकिस्तान: एबटाबाद में हथियार चलाना सीख रहे आतंकवादी, सेना-ISI की निगरानी में चल रहा शिविर
पाकिस्तान न सिर्फ आतंकियों को पनाह दे रहा है, बल्कि उन्हें संसाधन भी मुहैया करा रहा है। NDTV की हालिया रिपोर्ट में इस बात के संकेत मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान एबटाबाद में आतंकियों के लिए एक प्रशिक्षण शिविर चला रहा है। यहां लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण ले रहे हैं। खास बात है कि ये शिविर पाकिस्तानी सेना के परिसर से ही संचालित हो रहा है।
शिविर में आते रहते हैं बड़े आतंकी
NDTV ने खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा इस शिविर में हाफिज सईद, मसूद अजहर और सलाहुद्दीन जैसे आतंकी भी आते रहते हैं। इस शिविर में बाहरी लोगों के आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है, क्योंकि इसके ठीक बगल में पाकिस्तानी सेना का शिविर भी है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI में तैनात एक जनरल इस शिविर में युवाओं को हथियार चलाने सहित युद्ध के विभिन्न पहलुओं का प्रशिक्षण दे रहा है।
एबटाबाद में ही मारा गया था लादेन
बता दें कि एबटाबाद ही वो जगह है, जहां अल-कायदा का नेता ओसामा बिन लादेन रहता था। मई, 2011 में अमेरिका की विशेष सैन्य बलों ने इस इमारत पर हमला कर लादेन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अगले साल पाकिस्तान ने इस इमारत को ध्वस्त कर दिया था। अभी ये स्पष्ट नहीं है कि ये शिविर लादेन के ध्वस्त किए गए घर पर बनाया गया है या नए सिरे से निर्माण किया गया है।
भारत ने इन संगठनों पर लगा रखा है प्रतिबंध
बताया जा रहा है कि शिविर में लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण ले रहे हैं। भारत ने इन तीनों संगठनों पर प्रतिबंध लगा रखा है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इन्हें आतंकवादी संगठनों की सूची में डाला हुआ है। माना जाता है कि ये शिविर इन संगठनों में भर्ती का केंद्र है। कथित तौर पर यहां आतंकियों को कई तरह की लड़ाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में बढ़ रही आतंकवादी घटनाएं
ये खबर ऐसे वक्त आई है, जब जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी हो रही है। कल (24 अक्टूबर) को ही आतंकियों ने सेना के वाहन पर गोलीबारी की, जिसमें 2 सैनिक और 2 पोर्टर की मौत हो गई है। इसी दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के बटागुंड त्राल इलाके में आतंकियों ने एक गैर-कश्मीरी मजदूर को गोली मार दी थी। 20 अक्टूबर को गांदरबल में मजदूरों पर हमले में एक डॉक्टर समेत 6 लोग मारे गए थे।