अब्दुल रहमान मक्की वैश्विक आतंकी करार, इस बार चीन नहीं अटका सका रोड़ा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने सोमवार रात को पाकिस्तान में बैठे अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है। मक्की पाकिस्तान से चलने वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का रिश्तेदार है, जिसने पाकिस्तान की मदद से मुंबई पर हमला किया था। भारत और अमेरिका ने पिछले साल भी उसे वैश्विक आतंकी घोषित कराने की कोशिश की थी, लेकिन उस वक्त चीन ने रोड़ा अटका दिया था।
इस बार नहीं चली चीन की चाल
पिछले साल जून में अमेरिका और भारत मिलकर UNSC में मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव लेकर आए थे, लेकिन चीन ने इस पर 'तकनीकी विराम' लगा दिया था। इस बार चीन कोई रोड़ा नहीं अटका सका और UNSC ने मक्की को अलकायदा और इस्लामिक स्टेट प्रतिबंध समिति की सूची में डालते हुए वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया। बता दें कि चीन पहले भी कई बार ऐसे प्रस्तावों के रास्तों में बाधा बन चुका है।
अब्दुल रहमान मक्की पर क्या आरोप हैं?
अब्दुल रहमान मक्की संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा/जमात-उद-दावा का उप प्रमुख और उसके राजनीतिक मामलों का प्रमुख है। वह लश्कर के विदेशी संबंधों का विभाग भी संभाल चुका है। वैश्विक आतंकी हाफिज सईद का रिश्तेदार मक्की जमात की शुरा (प्रशासक समिति) समिति और केंद्रीय टीम का सदस्य है। उस पर भारत में हमलों की योजना बनाने और हिंसा के लिए युवाओं की भर्ती करने और आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने का आरोप है।
इन हमलों के पीछे आ चुका है मक्की का नाम
26/11 मुंबई, दिसंबर, 2000 में लाल किले, 2008 में रामपुर CRPF कैंप, 2018 में श्रीनगर के करण नगर, 2018 में बारामूला के खानपोरा और उसी साल श्रीनगर और बांदीपोरा में हुए आतंकी हमलों के पीछे मक्की का नाम सामने आया था। मक्की को 15 मई, 2019 को पाकिस्तान सरकार ने गिरफ्तार किया था और उसे लाहौर में नजरबंद रखा गया था। 2020 में उसे आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण के मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई थी।
अमेरिका ने घोषित किया था 16 करोड़ का ईनाम
अमेरिका ने मक्की पर 16 करोड़ रुपये से अधिक का ईनाम घोषित किया हुआ है। अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने उसे नवंबर, 2010 में वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया था। भारत भी उसे आतंकी घोषित कर चुका है।
वैश्विक आतंकी करार दिए जाने पर क्या होता है?
किसी व्यक्ति को वैश्वित आतंकी घोषित करते हुए उसकी सारी संपत्तियां संबंधित देशों द्वारा जब्त कर ली जाती है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि उसे कहीं से भी कोई वित्तीय न मिले। वैश्विक आतंकी की यात्रा पर प्रतिबंध लग जाता है और कोई भी देश उसे अपनी सीमा में प्रवेश नहीं देता। सभी देश ऐसे व्यक्ति को हथियार मुहैया कराने पर प्रतिबंध लगा देते हैं। ऐसे व्यक्ति को हथियारों का सामान भी नहीं दिया जाता।