जम्मू-कश्मीर में इस साल मारे गए 172 आतंकवादी, सुरक्षाबलों के 26 जवान भी हुए शहीद
जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2022 में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच 93 मुठभेड़ हुईं, जिनमें 42 विदेशियों समेत कुल 172 आतंकवादी मारे गए। कश्मीर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (ADGP) विजय कुमार ने शनिवार को ट्वीट कर बताया कि इस बीच घाटी के युवाओं की आतंकवादी संगठनों में शामिल होने की संख्या में भी 37 प्रतिशत की गिरावट गिरावट दर्ज की गई है। आइए जानते हैं कि ADGP ने और क्या जानकारी साझा की है।
लश्कर-ए-तैयबा के सर्वाधिक 108 आतंकी ढेर हुए
ADGP विजय ने बताया कि घाटी में हुए मुठभेड़ों में लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के सर्वाधिक 108 आतंकवादी मारे गए हैं। इसके अलावा सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के 35 आतंकवादी, हिजबुल मुजाहिदीन के 22 आतंकवादी, अल-बद्र के चार और अंसार गजवत उल-हिंद के तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया। गौरतलब है कि भारतीय सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और जम्मू-कश्मीर पुलिस लगातार आतंकवादियों संगठनों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
आतंकवादियों की भर्ती में आई 37 प्रतिशत की गिरावट
ADGP विजय ने बताया कि इस साल आतंकवादियों की भर्ती में पिछले साल की तुलना में 37 प्रतिशत की गिरावट हुई है। उन्होंने बताया कि इस साल आतंकवादी संगठनों में 100 नहीं भर्तियां हुईं। इनमें से सर्वाधिक 74 आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुए। उन्होंने आगे बताया कि 65 आतंकवादियों को मुठभेड़ में ढेर किया जा चुका है, जबकि 17 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है और फिलहाल 18 आतंकवादी घाटी में सक्रिय हैं।
घाटी में सुरक्षाबलों के 26 जवान हुए शहीद
ADGP विजय ने बताया कि इस साल विभिन्न आतंकवादी हमलों और मुठभेड़ों में जम्मू-कश्मीर के 14 जवानों समेत सुरक्षाबलों के कुल 26 जवान शहीद हो गए। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने इस साल 29 आम नागरिकों की भी हत्या की है। इनमें 21 स्थानीय और आठ प्रवासी नागरिक थे। स्थानीय नागरिकों में तीन कश्मीरी पंडित समेत छह हिंदू और 15 मुसलमान शामिल हैं। इन घटनाओं में शामिल दो को छोड़कर बाकी सभी आतंकवादियों को ढेर किया जा चुका है।
सुरक्षाबलों पर नहीं हुई कोई पत्थरबाजी
ADGP विजय ने बताया कि कश्मीर घाटी में इस साल कोई हड़ताल या हिंसा नहीं हुई, वहीं सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की कोई घटना भी सामने नहीं आई। पूरे वर्ष कश्मीर में इंटरनेट बंद नहीं हुआ और ना ही किसी बड़े आतंकवादी के अंतिम संस्कार से जुड़ा कोई मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख फारूक नल्ली और लश्कर-ए-तैयबा कमांडर रियाज सेत्री को छोड़कर आतंकवादी संगठनों के सभी शीर्ष कमांडर मार दिए गए हैं।