WHO ने एमपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल किया घोषित, जानिए इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) एक खतरनाक वायरस है, जिसके मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। अफ्रीका में फैलने वाले इस जानलेवा वायरस ने कई देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इसके मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को चेतावनी जारी करते हुए इस वायरस को एक बार फिर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। अब एमपॉक्स के मामले स्वीडन और पाकिस्तान से भी सामने आ रहे हैं। आइए इसके विषय में सभी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
क्या है एमपॉक्स वायरस?
एमपॉक्स एक संक्रामक रोग है, जिसे एमपॉक्स भी कहा जाता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कमजोरी और सूजे हुए लिम्फ नोड्स शामिल हैं। एमपॉक्स के दौरान शरीर पर चेचक जैसे लाल और बड़े चकत्ते निकलने लगते हैं। हालांकि, यह बीमारी कुछ दिनों बाद खुद ही ठीक हो जाती है, लेकिन इसके कारण बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों की मौत भी हो सकती है। एमपॉक्स का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था।
एमपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल क्यों घोषित किया गया?
पाकिस्तान में 13 अगस्त और स्वीडन में 15 अगस्त को एमपॉक्स के एक-एक मामले सामने आए हैं। WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने घोषणा करते हुए कहा, "एमपॉक्स के एक नए समूह का उभरना, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) के पूर्वी भाग में इसका तेजी से फैलना और कई पड़ोसी देशों में इसके मामलों की सूचना मिलना बहुत चिंताजनक है।" उन्होंने कहा कि इन प्रकोपों को रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर सभी को सावधान होने की जरूरत है।
जानिए एमपॉक्स को लेकर बढ़ती चिंता की वजह
एमपॉक्स के नए स्ट्रेन 'क्लेड Ib' का संक्रमण बढ़ती चिंता का मुख्य कारण बना हुआ है। एमपॉक्स वायरस के 2 अलग-अलग स्ट्रेन हैं, जिनका नाम क्लेड I को क्लेड II है। इनमें से क्लेड I को क्लेड II से अधिक घातक माना जाता है। 'क्लेड Ib' के फैलने का मुख्य कारण यौन संपर्क बताया जा रहा है। हालांकि, यह चूहे, बंदर और गिलहरी जैसे जानवरों के नजदीक रहने से भी फैलता है।
एमपॉक्स के इलाज के लिए अपनाएं WHO की ये सलाह
इस वायरल के उपचार के दौरान आपको त्वचा पर होने वाले चकत्तों की देखभाल करने पर ध्यान देना चाहिए। परेशानी को कम करने के लिए दर्द को प्रबंधित करने पर ध्यान केंद्रित करें। WHO सलाह देता है कि हाथों को बार-बार पानी और साबुन से धोएं या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, अपनी त्वचा को सूखा रखें और अपने कमरे में रहें। एमपॉक्स से संक्रमित लोग आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं।
जानिए एमपॉक्स का इतिहास
एमपॉक्स पहली बार 1970 में पाया गया था। 2 साल पहले यह तेजी से फैला था, तब इसे वैश्विक स्वास्थ्य चिंता घोषित किया गया था। एमपॉक्स के मामलों में गिरावट के बाद मई 2023 में इसे स्वास्थ्य आपातकाल माना जाना बंद कर दिया गया था। हालांकि, इस साल रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक है। अब मंकीपॉक्स के 15,600 से अधिक मामले हैं, जिनमें से 530 से अधिक की मृत्यु हो चुकी है।