#NewsBytesExplainer: PoK में कैसे होते हैं चुनाव और भारत वहां क्यों आरक्षित रखता है 24 सीटें?
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। यहां 3 चरणों में 18 सितंबर से लेकर एक अक्टूबर तक वोट डाले जाएंगे और 4 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है। इस दौरान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के लिए आरक्षित सीटों पर मतदान नहीं होगा। आइए जानते हैं कि आखिर PoK में चुनाव कैसे होते हैं।
सबसे पहले जानिए क्या है PoK?
PoK जम्मू-कश्मीर की तत्कालीन रियासत का हिस्सा था। 1947 में विभाजन के बाद जम्मू-कश्मीर के राजा हरिसिंह ने पूरे इलाके को भारत में शामिल करा दिया था। इस लिहाज से देखा जाए तो ये भारत का अभिन्न अंग है। हालांकि, अक्टूबर, 1947 में पाकिस्तान की सेना द्वारा हमले के बाद ये इलाका गैरकानूनी तरीके से पाकिस्तान के कब्जे में हैं। यह 2 हिस्सों (जम्मू-कश्मीर और गिलगिट बाल्टिस्तान) में बंटा हुआ है। इन दोनों को आजाद जम्मू-कश्मीर (AJK) कहा जाता है।
कैसी है PoK की सरकार?
PoK को पाकिस्तान सरकार द्वारा कश्मीर परिषद के माध्यम से चलाया जाता है, जो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 14 सदस्यों वाली एक मनोनीत संस्था है। इसमें 6 सदस्य पाकिस्तान सरकार द्वारा मनोनीत किए जाते हैं और 8 PoK विधानसभा और सरकार से होते हैं। पाक दावा करता है कि PoK की अपनी सरकार है, लेकिन ये सरकार पाकिस्तान के नियंत्रण में ही काम करती है। PoK की राजधानी मुजफ्फराबाद है। यहां का अपना प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट भी है।
कैसे होते हैं PoK में चुनाव?
PoK में पहला प्रत्यक्ष चुनाव 1970 में हुआ था। यहां विधानसभा की कुल 53 सीटें हैं। इनमें से केवल 45 सदस्यों को ही सीधे निर्वाचित किया जा सकता है। बाकी 5 सीट महिलाओं और 3 विशेषज्ञों के लिए आरक्षित हैं। जिन 45 सीटों के लिए चुनाव होते हैं, उनमें से 33 आजाद कश्मीर के निर्वाचन क्षेत्रों से हैं, जबकि 12 सीटें जम्मू और कश्मीर से आए शरणार्थियों के लिए आरक्षित हैं, जो पूरे पाकिस्तान में फैली हुई हैं।
भारत ने PoK के लिए 24 सीटें आरक्षित कीं
जम्मू विधानसभा में PoK के लिए 24 सीटें रखी जाती रही हैं। 1956 में जब जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान बना, तब से ही PoK की 24 सीटें विधानसभा में होती आई हैं। 2019 में जब अनुच्छेद 370 खत्म हुआ, तब भी इनसे छेड़छाड़ नहीं की गई थीं। पिछले साल संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने भी 24 सीटें PoK के लिए आरक्षित रखने का ऐलान किया था।
भारत PoK के लिए सीटें आरक्षित क्यों करता है?
दरअसल, भारत PoK को अपना अभिन्न अंग मानता है। भारत का मानना है कि एक न एक दिन ये इलाका फिर उसे मिल जाएगा। ऐसे में विधानसभा में 24 सीटें आरक्षित करना सरकार की PoK को पाकिस्तान के कब्जे से खाली कराने की प्रतिबद्धता को जाहिर करता है। ये सीटें तब तक खाली रहेंगी, जब तक इस क्षेत्र पर पाकिस्तान का कब्जा खत्म नहीं हो जाता और वहां के लोग अपने प्रतिनिधियों का चुनाव नहीं कर लेते।
PoK में फिलहाल किसकी सरकार है?
PoK की विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होता है। आमतौर पर पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी ही PoK में चुनाव जीतती रही है। यहां आखिरी चुनाव 2021 में हुए थे। तब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को 25 सीटें मिली थीं। बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) को 9 और नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (PML-N) को 6 सीटें मिली थीं। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स पार्टी और कश्मीर मुस्लिम कांफ्रेंस ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की थी।