भारत में 3 महीने बाद फिर 1 के पार पहुंची ट्रांसमिशन रेट, क्या हैं इसके मायने?
क्या है खबर?
भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर के तीन महीने बाद फिर से संक्रमण के मामलों में उछाल आना शुरू हो गया है। मंगलवार को देशभर में 2,067 नए मामले सामने आए हैं।
इस बीच चेन्नई के गणितीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ता सीताभरा सिन्हा ने कहा कि देश में ट्रांसमिशन रेट या रिप्रोडक्टिव रेट (R) वैल्यू तीन महीनों बाद फिर से 1 के पार पहुंच गई है। इसने विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी।
आइये जानते हैं क्या है इसके मायने।
इजाफा
पिछले सप्ताह में 1 के पार पहुंची ट्रांसमिशन रेट
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, शोधकर्ता सिन्हा ने बताया कि देश में 12 से 18 अप्रैल के सप्ताह में ट्रांसमिशन रेट बढ़कर 1.07 पर पहुंच गई है, जो 5-11 अप्रैल वाले सप्ताह में 0.93 थी।
उन्होंने बताया कि देश में ट्रांसमिशन रेट लगातार बढ़ रही है। पिछली बार यह 16-22 जनवरी के सप्ताह में 2.98 पर पहुंची थी। उस दौरान देश महामारी की तीसरी लहर के चरम पर था और प्रतिदिन दो लाख से अधिक मामले आ रहे थे।
कारण
क्या है ट्रांसमिशन रेट में इजाफे का कारण?
शोधकर्ता सिन्हा ने बताया कि देश में ट्रांसमिशन रेट के बढ़ने का प्रमुख कारण दिल्ली के साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामले हैं। इन राज्यों में मास्क से बनाई गई दूरी का प्रभाव दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि लगभग सभी प्रमुख शहर मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई में ट्रांसमिशन रेट 1 से ऊपर पहुंच गई है। इसके अलावा दिल्ली और उत्तर प्रदेश में यह 2.0 के पार पहुंचती नजर आ रही है।
सवाल
क्या होती है R वैल्यू या ट्रांसमिशन रेट?
बता दें कि R वैल्यू में एक संक्रमित के संपर्क में आकर संक्रमित होने वालों की संख्या का पता लगाया जाता है।
सीधे शब्दों में कहें तो R वैल्यू के 1 पर होने का मतलब है कि 100 संक्रमित लोग अपने संपर्क में आने वाले 100 लोगों तक वायरस पहुंचा रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 0.6 या उससे कम की R वैल्यू सुरक्षित है। इसका एक से अधिक होना महामारी के तेज प्रसार को दर्शाता है।
जानकारी
कैसे निकाली जाती है ट्रांसमिशन रेट?
विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना से हुई मौतों की संख्या, अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों की संख्या और कोरोना संक्रमित मरीजों के सैंपलों की संख्या जैसे डाटा का उपयोग करते हुए R वैल्यू निकाली जाती है। इसके लिए गणितीय मॉडल काम में लिया जाता है।
संकेत
ट्रांसमिशन रेट के 1 के पार पहुंचने का क्या है मतलब?
चिकित्सा विशेषज्ञों और सरकार ने बार-बार चेताया है कि ट्रांसमिशन रेट का 1 से अधिक होना बड़ी चिंता का कारण है। इसका मतलब है कि संक्रमण का प्रसार तेजी से हो रहा है।
यही कारण है देश में मंगलवार को इस सप्ताह दूसरी बार 2,000 से अधिक नए संक्रमित सामने आए हैं।
फरवरी के बाद पहली बार 24 घंटों में दिल्ली में 600 से अधिक नए संक्रमित मिले हैं। बिगड़ते हालातों ने दिल्ली सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है।
जानकारी
दिल्ली में फिर से अनिवार्य किया गया मास्क
बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की मंगलवार को बैठक हुई। इसमें संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मास्क पहनना फिर से अनिवार्य किया गया है। उल्लंघन करने वालों से 500 रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।
सलाह
क्या भारत पर मंडरा रहा महामारी चौथी लहर का खतरा?
विशेषज्ञों की माने तो ट्रांसमिशन रेट के 1 के पार पहुंचने का मतलब है कि संक्रमण तेजी से फैल सकता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि देश पर महामारी की चौथी लहर का खतरा मंडरा रहा है।
महामारी से बचाव के लिए उचित मास्किंग, सोशल डिस्टेंंसिंग और सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वैक्सीन की दोनों खुराक और योग्य लोगों के लिए प्रिकॉशन डोज लेना जरूरी है। इसके जरिए चौथी लहर से बचा जा सकता है।
संक्रमण
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
भारत में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है। देश में बीते दिन 2,067 नए मामले सामने आए जो एक दिन पहले सामने आए मामलों से 65.7 प्रतिशत अधिक हैं। बीते दिन 40 लोगों की मौत भी हुई है।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 4,30,47,594 हो गई है। इनमें से 5,22,006 मरीजों की मौत हुई है।
सक्रिय मामलों की संख्या में इजाफा हुआ है और यह बढ़कर 12,340 हो गई है।