उत्तर प्रदेश दरोगा भर्ती: धोखाधड़ी के आरोप में 100 से अधिक गिरफ्तार, SIT जांच की मांग
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) द्वारा सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के 9,534 पदों के लिए आयोजित की गई ऑनलाइन परीक्षा में धोखाधड़ी करने के आरोप में अब तक 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने चार ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार किया, जिन्होंने दो घंटे का पेपर सिर्फ तीन मिनट में हल कर दिया था। भर्ती में घोटाले की बात सामने आने के बाद अभ्यर्थी लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों की 25 मई को विशाल धरना-प्रदर्शन की चेतावनी
दैनिक भास्कर के मुताबिक, लखनऊ के ईको गार्डेन में 15 मई से दरोगा भर्ती परीक्षा के करीब 200 अभ्यर्थी धरने पर बैठे हैं। धरने पर बैठे अभ्यर्थियों की मांग है कि योगी सरकार इस मामले की जांच स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) के जरिए करवाए ताकि उनका भविष्य बर्बाद होने से बच जाए। अभ्यर्थी यह भी कहते हैं कि अगर मांग नहीं मानी गई तो वह 25 मई से विशाल धरना-प्रदर्शन करेंगे।
इस भर्ती के लिए 12 लाख से अधिक लोगों ने किया था आवेदन
इस भर्ती मे क्या कुछ खुलासे हुए हैं, यह जानने से पहले हम आपको इस दरोगा भर्ती की महत्वपूर्ण टाइमलाइन बता देते हैं- 2021 में इस भर्ती का ऐलान हुआ और तकरीबन 12 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया। कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) का आयोजन 12 नवंबर से 2 दिसंबर, 2021 के बीच हुआ जिसमें लगभग 7.61 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। इसके बाद CBT के नतीजे 14 अप्रैल, 2022 को जारी किए जिसमें 36,170 अभ्यर्थियों का चयन हुआ।
सवाल हल करने की तेज रफ्तार ने खोल दी पोल
लखनऊ से जांच में पता चला कि ऑनलाइन परीक्षा के दौरान इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) एड्रेस शेयर करके सभी प्रश्नों को बहुत कम समय में हल कर लिया गया। CBT में कुल 160 साल को दो घंटे में हल करने थे। बोर्ड ने 'कैंडिडेट रिस्पान्स लॉग' में यह पाया कि चार अभ्यर्थियों ने पूरा पेपर महज तीन मिनट में हल कर दिया था। इसी तरह लगभग 200 अन्य अभ्यर्थियों ने परीक्षा के अंतिम समय में पूरा पेपर हल किया।
दस्तावेज सत्यापन के दौरान सामान्य ज्ञान के उत्तर नहीं दे पाए अभ्यर्थी
भर्ती बोर्ड को विश्लेषण में पता चला कि इन अभ्यर्थियों ने जितनी तेजी से प्रश्नों के उत्तर दिए, वह बाहरी मदद के बिना संभव नहीं था। इसके बाद बोर्ड की तरफ से जब इन अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन और फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाया गया और सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे तो वह बताने में असफल रहे। इस संबंध में बोर्ड ने जब उनसे पूछताछ तो उन्होंने जुर्म कबूल किया और भर्ती घोटाले में लिप्त लोगों के नाम बताए।
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने परीक्षा लेने वाली एजेंसी पर लगाए आरोप
भर्ती के संबंध में पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने दावा किया है कि उन्हें दी गई जानकारी के अनुसार यह परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी NSEIT ने गड़बड़ी करने के लिए स्क्रीनसेवर ऐप का इस्तेमाल किया। इस ऐप को चुनिंदा परीक्षा केंद्रों में लगे कंप्यूटर पर डाला गया जहां प्रश्नपत्र के साथ ही उत्तर-कुंजी भी डाल के रखी गई। ठाकुर के मुताबिक, परीक्षा करवाने वाली एजेंसी NSEIT द्वारा मध्य प्रदेश में भी यही तरीका अपनाया पाया गया था।
लखनऊ, कानपुर, मेरठ, वाराणसी और बरेली से हो चुकी हैं गिरफ्तारियां
उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स ने इस भर्ती घोटाले में 21 मई को कानपुर से अंतरराज्यीय सॉल्वर गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया। इस दिन लखनऊ में 47 अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया गया था जिनमें से 10 अभ्यर्थियों से ऑनलाइन लिखित परीक्षा के विषय में कुछ सवाल किए तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसी तरह पुलिस ने बरेली, मेरठ और वाराणसी से भी कई गिरफ्तारियां की हैं।