इजरायल ने की थी हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या, रक्षा मंत्री ने किया स्वीकार
ईरान में हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या को लेकर इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने सोमवार को पहली बार सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया कि हानिया की हत्या में इजरायल का हाथ था और वे हानिया की तरह ही अन्य नेताओं को भी ऐसी ही सजा देंगे। कैट्ज ने रक्षा मंत्रालय के कर्मियों के सम्मान समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इजरायल ने हमास को हराया है।
क्या बोले कैट्ज?
कैट्ज ने कहा, "आज जब हौथी आतंकवादी संगठन इजरायल पर मिसाइलें दाग रहा है, तो मैं उन्हें एक स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं कि हमने हमास को हराया, हिजबुल्लाह को हराया, ईरान की रक्षा प्रणालियों को अंधा कर दिया और उत्पादन प्रणालियों को नुकसान पहुंचाया है। हमने सीरिया में असद शासन को उखाड़ फेंका, बुराई की धुरी को एक गंभीर झटका दिया। अब हम यमन में हौथी आतंकवादी संगठन को भी एक गंभीर झटका देंगे, जो अब भी जीवित है।"
सिर कलम कर देंगे- कैट्ज
कैट्ज ने आगे कहा, "इजराइल उनके रणनीतिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा और हम उनके नेताओं का सिर कलम कर देंगे, जैसा कि हमने तेहरान, गाजा और लेबनान में हानिया, सिनवार और नसरल्लाह के साथ किया था। अब हम होदेदाह और सना में भी ऐसा करेंगे।" बता दें, जुलाई के अंत में ईरान में हानिया की हत्या हुई थी, जिसके लिए ईरानी अधिकारियों ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन इजरायल ने सीधे तौर पर जिम्मेदारी नहीं ली थी।
कैसे हुई थी हानिया की हत्या?
हानिया 30 जुलाई को ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण में पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खमैनेई से मुलाकात की थी। हानिया तेहरान में एक खास आवास में ठहरे थे। यहां 31 जुलाई की रात 2 बजे हवाई हमला हुआ, जिसमें हानिया और उनके एक अंगरक्षक की मौत हो गई। मिसाइल ईरान के भीतर नहीं बल्कि बाहरी देश से दागी गई थी। हालांकि, जिम्मेदारी लेने से इजरायल ने इंकार किया था।
कौन थे इस्माइल हानिया?
हानिया का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के अल-शती शरणार्थी शिविर में हुआ था और वे 1987 में हमास से जुड़े थे। वे 2006 से 2007 तक फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) के प्रधानमंत्री रहे हैं। हानिया ने गाजा पट्टी में वास्तविक सरकार के नेता के रूप में काम किया है। 2017 में उन्हें खालिद मेशाल की जगह हमास के राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख चुना गया था। 2021 में वे दोबारा इस पद के लिए चुने गए।
हानिया की मौत से बढ़ गया था मध्य-पूर्व में तनाव
हानिया की हत्या को 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा था। हानिया न सिर्फ हमास के राजनीतिक प्रमुख थे, बल्कि हमास का प्रतिनिधि चेहरा और युद्धविराम के लिए बातचीत भी कर रहे थे। इस घटना से हमास और ईरान खासा नाराज थे और उन्होंने इजरायल पर जवाबी कार्रवाई भी की थी, जिससे मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ गया था। बाद में इजरालय ने हमास के उत्तराधिकारी याह्या सिनवार को भी मार दिया।