भारत ने लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों पर इजरायली हमले को लेकर जताई चिंता
क्या है खबर?
दक्षिणी लेबनान में इजरायली रक्षा बलों (IDF) द्वारा संयुक्त राष्ट्र (UN) के 'ब्लू लाइन' बेस को निशाना बनाए जाने पर भारत ने चिंता जताई है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र परिसर की अखंडता का सभी को सम्मान करना चाहिए और UN शांति सैनिकों की सुरक्षा और उनके जनादेश की पवित्रता सुनिश्चित करने के उचित उपाय करने चाहिए।"
बयान
संयुक्त राष्ट्र ने की थी हमले की पुष्टि
संयुक्त राष्ट्र मिशन ने एक दिन पहले इजरायली हमले की पुष्टि करते हुए कहा था कि नकुरा में UNIFIL मुख्यालय के निरीक्षण टावर पर IDF के मर्कवा टैंक द्वारा दागे गए गोले सीधे गिरने से 2 शांति सैनिक घायल हुए हैं।
UN ने बताया था कि सैनिकों को गंभीर चोट नहीं आई है, लेकिन वे अस्पताल में भर्ती हैं।
मामले पर इजरायल का कहना था कि हिज्बुल्लाह के आतंकवादी UN चौकियों के पास सक्रिय थे, इसलिए हमला किया गया।
नियम
क्या है ब्लू लाइन?
संयुक्त राष्ट्र ब्लू लाइन, जिसे ब्लू हेलमेट भी कहते हैं। यह दक्षिणी लेबनान की सीमा और इजरायल की उत्तरी सीमा पर 120 किलोमीटर तक फैली है।
ब्लू लाइन सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का केंद्रीय तत्व है, जिसे 2006 में अपनाया गया, इसका उद्देश्य हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच शत्रुता समाप्त करना है।
ब्लू लाइन कोई सीमा नहीं बल्कि अस्थायी वापसी रेखा है। अगर लेबनान या इजरायल ब्लू लाइन पर कोई गतिविधि करते हैं तो UNIFIL अग्रिम सूचना मांगता है।
जानकारी
अमेरिका समेत कई देशों ने हमले पर चिंता जताई थी
ब्लू लाइन पर शांति सैनिकों पर हमले की अमेरिका, स्पेन, आयरलैंड, इंडोनेशिया, इटली ने निंदा की थी। ये सभी देश UN शांति सेना में सैनिकों के लिए अपना योगदान देते हैं। अमेरिका ने कहा था कि इजरायल UN शांति सैनिकों को कोई नुकसान न पहुंचाए।