हमास हमलों की वर्षगांठ पर और बढ़ा तनाव, हमले जारी
फिलिस्तीन के आतंकी समूह हमास द्वारा इजरायल पर हमला किए एक साल हो गए, जिसकी वर्षगांठ से पहले सीमा पार तनाव बढ़ गया है। लेबनान में ईरान समर्थित सशस्र समूह हिज्बुल्लाह ने रविवार रात को इजरायल में कई मिसाइलें दागी। उत्तरी इजरायल के बड़े शहर हाइफा में रॉकेट दागने से 10 लोग घायल हुए हैं। इसके बाद इजरायल ने भी गाजा और लेबनान की राजधानी बेरूत पर मिसाइलों की बौछार कर दी। दोनों तरफ से हमले जारी हैं।
सबसे पहले जानिए 7 अक्टूबर 2023 को क्या हुआ था?
7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने अचानक इजरायल पर हजारों रॉकेट दागे, जो गाजा सीमा का उल्लंघन था। हवाई-जमीनी हमले ने इजरायल को चौंका दिया, जिसे अब तक का घातक हमला माना जाता है। हमले में 1,200 से अधिक इजराइलियों की जान गई और सैकड़ों घायल हुए। 250 से अधिक लोग बंधक बनाए गए। इसके बाद इजरायल ने गाजा और राफा पर हमले किए, जिसमें 42,000 से अधिक की जान गई। अब फिलिस्तीन के समर्थन में लेबनान और सीरिया हैं।
हिज्बुल्लाह ने रविवार को इजरायल को कितना पहुंचाया नुकसान
हिज्बुल्लाह ने रविवार देर रात इजराइली वायु रक्षा प्रणालियों को रॉकेट से नष्ट किया और देश के तीसरे सबसे बड़े शहर हाइफा पर हमला कर इमारतों को नुकसान पहुंचाया। इसमें 10 लोग घायल हुए हैं रॉकेट हमलों ने तिबेरियस शहर को भी निशाना बनाया और हिज्बुल्लाह ने "फादी 1" मिसाइलों की बौछार से हाइफा के दक्षिण में एक सैन्य स्थल पर भी कई हवाई हमले किए। हिज्बुल्लाह के हमलों से इजरायल बौखला गया और जवाबी कार्रवाई की।
इजरायल ने हिज्बुल्लाह के ठिकानों और गाजा के अस्पताल के निशाना बनाया
इजरायल ने रात में ही बेरूत के दक्षिणी उपनगरों को निशाना बनाया। यह लेबनान की राजधानी पर अब तक की सबसे घातक बमबारी थी। इजरायली सेना ने कहा कि लड़ाकू विमानों ने बेरूत में हिजबुल्लाह के खुफिया मुख्यालय और हथियार भंडारण को निशाना बनाया। दक्षिणी लेबनान और बेका घाटी में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर अतिरिक्त हमले हुए। गाजा में एक स्कूल, एक मस्जिद को निशाना बनाया गया। हमास का कमांड सेंटर बताए जा रहे अल-अक्सा शहीद अस्पताल पर बमबारी हुई।
गाजा युद्ध की वर्षगांठ पर प्रदर्शन
गाजा युद्ध की वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर, फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शनकारियों ने जकार्ता से लेकर इस्तांबुल और रबात तक दुनिया भर में इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन शनिवार को प्रमुख यूरोपीय राजधानियों के साथ-साथ वाशिंगटन और न्यूयॉर्क में भी बड़ी रैलियों के बाद हुए। मानव अधिकार संगठनों ने भी युद्ध को रोकने की मांग की। संयुक्त राष्ट्र ने भी युद्ध को रोकने की अपील की है।