बांग्लादेश: प्रधानमंत्री मोदी की हिंदुओं की रक्षा की अपील, हसीना के बेटे ने बताया पाकिस्तान का हाथ
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार का गठन हो गया है। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ले ली है। उनके साथ सरकार में शामिल होने वाले 16 में से 13 सदस्यों ने भी शपथ ली है। इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युनूस को बधाई दी है। दूसरी ओर, शेख हसीना के बेटे ने तख्तापलट के पीछे पाकिस्तान की ISI का हाथ होने का दावा किया है।
प्रधानमंत्री मोदी बोले- हिंदुओं की रक्षा सुनिश्चित हो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण के बाद मोहम्मद यूनुस को बधाई दी और बांग्लादेश में हिंदुओं सहित सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। प्रधानमंत्री ने लिखा, 'हम हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सामान्य स्थिति में जल्द वापसी की उम्मीद करते हैं। भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।'
यूनुस ने लिया कथित 'षड्यंत्रकारियों' पर कार्रवाई का संकल्प
मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश हिंसा के पीछे कथित षड्यंत्रकारियों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं। अपने पहले संबोधन में उन्होंने कहा, "षड्यंत्रकारियों ने छात्र-जनता के विद्रोह के माध्यम से हमारी दूसरी स्वतंत्रता को विफल करने के लिए देश में अराजकता और भय का माहौल बनाया है। अराजकता हमारा दुश्मन है और इसे जल्द से जल्द पराजित किया जाना चाहिए। अराजकता फैलाने वालों को कानून प्रवर्तन एजेंसियों की पूरी ताकत का सामना करना पड़ेगा।"
अंतरिम सरकार में कौन-कौन शामिल?
शपथ लेने वालों में छात्र नेता नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद भी शामिल हैं। दोनों ने हालिया आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों में अहम भूमिका निभाई थी, जिसके चलते शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी। इसके अलावा केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर, ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पूर्व अटॉर्नी जनरल, पूर्व विदेश सचिव, महिला अधिकार कार्यकर्ता, पूर्व चुनाव आयुक्त और स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों को भी अंतरिम सरकार में जगह मिली है।
हसीना के बेटे ने तख्तापलट के लिए पाकिस्तान को बताया जिम्मेदार
शेख हसीना के बेटे साजिद वाजेद जॉय ने कहा, "परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर मुझे पूरा यकीन है कि इसमें पाकिस्तान की ISI की संलिप्तता है। हमले और विरोध प्रदर्शन बहुत ही समन्वित, सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध थे और सोशल मीडिया के माध्यम से स्थिति को भड़काने के लिए जानबूझकर प्रयास किए गए थे। सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चाहे जो भी किया हो, वे इसे और खराब करने की कोशिश करते रहे।"
साजिद ने हसीना के बांग्लादेश लौटने के दिए संकेत
साजिद ने कहा, "मैंने कहा था कि वे (शेख हसीना) बांग्लादेश वापस नहीं लौटेंगी, लेकिन हमारे नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं पर लगातार हमलों के बाद पिछले 2 दिनों में बहुत कुछ बदल गया है। अब हम अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए जो भी करना होगा, करेंगे। हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे। लोकतंत्र बहाल होने पर वह निश्चित रूप से बांग्लादेश लौट आएंगी।" साजिद ने हसीना की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को धन्यवाद भी दिया।
आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने बदली सत्ता
बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में मिलने वाले आरक्षण को लेकर जून से लगातार प्रदर्शन हो रहे थे। 5 अगस्त की शाम प्रदर्शन हिंसक होने के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत आ गई थीं। अब तक प्रदर्शनों में 469 लोगों की मौत हो चुकी है। 7 अगस्त को अवामी लीग के 29 कार्यकर्ताओं के शव बरामद हुए हैं। हसीना के देश छोड़ने के बाद से 142 लोग मारे गए हैं।