राज्यसभा में प्रधानमंत्री का संबोधन; मणिपुर, पेपर लीक और आपातकाल पर विपक्ष को घेरा
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने आपातकाल, संविधान, मणिपुर और पेपर लीक समेत तमाम मुद्दों पर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया, जिस पर सभापति ने आपत्ति भी जताई। इससे पहले लोकसभा में भी प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा था।
प्रधानमंत्री ने किया संविधान का जिक्र
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे जैसे लोग यहां तक पहुंचे हैं तो उसका कारण संविधान है। संविधान हमारे लिए आर्टिकल्स का संग्रह नहीं, उसकी आत्मा भी महत्वपूर्ण है। किसी भी स्थिति में संविधान हमारा मार्गदर्शन करने का काम करता है। जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाएंगे तो हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर कूदते रहते हैं, उन लोगों ने विरोध किया था।"
अगले 5 साल गरीबी से लड़ाई के खिलाफ निर्णायक- मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, "यहां बैठे कुछ लोग ये कहते हैं कि इसमें क्या है, ये तो होना ही है। ये इंतजार करने में विश्वास रखते हैं, हम परिश्रम में। आने वाले 5 साल गरीबी के खिलाफ लड़ाई के निर्णायक वर्ष हैं। ये देश गरीबी के खिलाफ लड़ाई में विजयी होकर रहेगा, ये 10 साल के अनुभव के आधार पर बहुत विश्वास के साथ कह रहा। जब देश तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा तो इसका प्रभाव हर क्षेत्र पर पड़ेगा है।"
किसानों को लेकर क्या बोले प्रधानमंत्री?
प्रधानमंत्री ने कहा, "बीते 10 वर्ष में हमारी खेती हर प्रकार से लाभकारी हो, इस पर हमने ध्यान केंद्रित किया है और अनेक योजनाओं से ताकत देने का प्रयास किया है। चाहे फसल के लिए ऋण हो, नए बीज हो, खाद की उचित कीमत हो, चाहे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की बात हो। बीज से बाजार तक हमने किसानों के लिए हर व्यवस्था को बहुत बारीकी से मजबूती देने का प्रयास किया है।"
संबोधन के दौरान विपक्ष ने किया वॉकआउट
प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान राज्यसभा से विपक्ष के सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, "इससे देश के 140 करोड़ लोग आहत होंगे। आज वो सदन छोड़कर नहीं, मर्यादा छोड़कर गए हैं। ये हमारा और आपका अपमान नहीं, सदन का अपमान है। वह मुझे पीठ दिखाकर नहीं गए हैं, भारत के संविधान को पीठ दिखाकर गए हैं। भारत के संविधान का इतना अपमान, इतना बड़ा मजाक। आशा करता हूं कि वे आत्ममंथन करेंगे।"
मोदी बोले- महिला अत्याचार पर विपक्ष का चयनात्मक रवैया निराशाजनक
प्रधानमंत्री ने कहा, "महिला अत्याचार पर विपक्ष का चयनात्मक रवैया निराशाजनक है। बंगाल से एक महिला की पिटाई की तस्वीर सामने आई, लेकिन दिग्गजों ने इस पर कुछ नहीं कहा। इसलिए कुछ नहीं कहा, क्योंकि मामला किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हुआ था। जो संदेशखाली में हुआ, वह भी भयावह है। बड़े-बड़े दिग्गज के मुंह से एक शब्द नहीं निकले। जब दिग्गज लोग भी इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज करते हैं तब देश को पीड़ा होती ही है।"
आपातकाल पर प्रधानमंत्री ने फिर सरकार को घेरा
प्रधानमंत्री ने कहा, "कांग्रेस संविधान की सबसे बड़ी विरोधी पार्टी है। कांग्रेस के लिए एक परिवार सबसे बड़ी प्राथमिकता रहा है। एक परिवार की व्यवस्था किस संविधान के तहत मिलती है? कौन सा संविधान कैबिनेट के प्रस्ताव को फाड़ने का मौका देता है। आज जय संविधान कहने वाले कभी जय इंदिरा कहा करते थे। आपातकाल के भुक्तभोगी आज खुद उनके पास जाकर बैठ गए। आज संविधान हाथ में लेकर काले कारनामे छुपा रहे हैं।"
मणिपुर में सौहार्द के लिए हर कोशिश कर रही सरकार- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा, "मणिपुर में हालात सामान्य बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है। मणिपुर में हिंसा की घटनाएं लगातार कम हो रही हैं। स्कूल-कॉलेज संस्थान खुले हुए हैं। जैसे देश में परीक्षाएं हुईं, वहां भी हुई हैं। केंद्र सरकार सभी से बातचीत कर सौहार्द का रास्ता खोलने की कोशिश कर रही है। गृह मंत्री वहां जाकर कई दिन रहे हैं। अधिकारी भी लगातार जा रहे हैं। समस्या के समाधान के लिए हर प्रकार से प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री बोले- युवाओं के भविष्य के साथ नहीं होगा खिलवाड़
प्रधानमंत्री ने संबोधन में पेपर लीक पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, "हम चाहते थे कि पेपर लीक जैसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति न हो, लेकिन विपक्ष को इसकी आदत है। मैं भारत के युवाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त सजा मिले, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। हम युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे।"