
कौन हैं हमास के नेता खालिद मशाल, जिनकी केरल की रैली में उपस्थिति पर हुआ विवाद?
क्या है खबर?
इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर से युद्ध चल रहा है, जिसे लेकर दुनियाभर में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
इस बीच केरल के मलप्पुरम में फिलिस्तीन के समर्थन में हुई एक रैली को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
इस रैली में हमास के नेता खालिद मशाल ने वर्चुअली हिस्सा लिया और लोगों को संबोधित भी किया। इसे लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
आइए जानते हैं कि मशाल कौन हैं।
मशाल
कौन है खालिद मशाल?
मशाल हमास की सर्वोच्च समिति पोलित ब्यूरो के संस्थापक सदस्य हैं। वो 2004 से मई, 2017 तक पोलित ब्यूरो का अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
2004 में हमास के संस्थापक अहमद यासीन और उनके उत्तराधिकारी अब्देल अजीज रांतिसी की हत्या के बाद मशाल ने ये पद संभाला था।
अप्रैल, 2021 से मशाल हमास के प्रवासी कार्यालय (विदेश मंत्रालय) का नेतृत्व संभाल रहे हैं। वर्तमान में मशाल को हमास का दूसरा सबसे शक्तिशाली नेता माना जाता है।
आंदोलन
युवावस्था से फिलिस्तीन आंदोलन से जुड़े हुए हैं मशाल
मशाल का जन्म साल 1956 में वेस्ट बैंक के शहर सिलवाड में हुआ था। 1967 से लेकर 1990 तक वो कुवैत में रहे और कुवैत विश्वविद्यालय में फिलिस्तीनी इस्लामी आंदोलन का नेतृत्व किया।
1990 में खाड़ी युद्ध शुरू होने के बाद वो जॉर्डन चले गए। यहां 1997 में इजरायल ने उनकी हत्या का प्रयास किया, जिससे जॉर्डन और इजरायल के बीच विवाद हो गया था।
2000 से 2012 तक वो सीरिया के दमिश्क में रहे और अब कतर में हैं।
बातचीत
इजरायल के साथ बातचीत के समर्थक रहे हैं मशाल
हमास के बाकी नेताओं के विपरीत मशाल इजरायल से बातचीत के समर्थक रहे हैं। मशाल ने 1967 से पहले की सीमा को निर्धारित करने और फिलिस्तीनियों की वापसी के अधिकार को लेकर इजरायल से बातचीत की इच्छा जताई है।
मशाल को इजरायल के साथ बातचीत में हमास का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मशाल को इजरायल और फिलिस्तीन के बीच सह-अस्तित्व के सिद्धांत का समर्थक माना जाता है।
मोसाद
मोसाद ने की थी जहर देकर मशाल की हत्या की कोशिश
25 सितंबर, 1997 को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के 2 एजेंट ने मशाल की हत्या की कोशिश की थी।
ये एजेंट कनाडा के नकली पासपोर्ट के जरिए जॉर्डन गए और हमास के कार्यालय के बाहर मशाल की गर्दन पर जहर का इंजेक्शन लगा दिया, जिससे मशाल कोमा में चले गए।
मशाल के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों एजेंट को गिरफ्तार कर लिया था।
बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद इजरायल ने ही जहर से बचने की दवा जॉर्डन पहुंचाई।
विवाद
केरल में रैली को लेकर क्या विवाद है?
28 अक्टूबर को केरल के मलप्पुरम में फिलिस्तीन के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया गया था।
जमात-ए-इस्लामी की युवा शाखा 'सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट' द्वारा आयोजित इस रैली में हमास के बड़े नेता मशाल ने भी वर्चुअली शिरकत की थी।
मशाल ने रैली में करीब 7 मिनट का भाषण भी दिया। जैसे ही इस रैली और इसमें मशाल के भाषण का वीडियो सामने आया, इस पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया।
भाजपा
भाजपा ने रैली पर क्या कहा?
रैली को लेकर भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
केरल भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा, 'मलप्पुरम में हमास नेता खालिद मशेल का वर्चुअल संबोधन चिंताजनक है। कहां है पिनरई विजयन की केरल पुलिस? 'फिलिस्तीन बचाओ' की आड़ में वे एक आतंकवादी संगठन हमास और उसके नेताओं को 'योद्धा' के रूप में महिमामंडित कर रहे हैं। यह अस्वीकार्य है!'
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इसे लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
इजरायल-हमास युद्ध में 28 अक्टूबर तक 9,200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इजरायल के 1,405 लोग मारे गए हैं, वहीं 5,431 घायल हुए हैं।
दूसरी ओर, इजरायल के हमलों में गाजा पट्टी के 7,812 लोग मारे गए हैं और 21,634 घायल हुए हैं।
गाजा पट्टी की 1.83 लाख इमारतों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 28,000 पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
हमास ने इजरायल के 229 नागरिकों को अभी भी बंधक बना रखा है।