#NewsBytesExplainer: ब्रिटेन में 4 जुलाई को होंगे आम चुनाव, जानिए कैसे चुनी जाती है ब्रिटिश सरकार
क्या है खबर?
ब्रिटेन में आम चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने समय से पहले ही तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि 4 जुलाई को देश में आम चुनाव कराए जाएंगे।
अब प्रधानमंत्री चुनाव की तारीख की जानकारी औपचारिक रूप से किंग चार्ल्स को देंगे। इसके बाद संसद भंग कर दी जाएगी और चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी।
आइए जानते हैं ब्रिटेन में आम चुनाव कैसे होते हैं।
संसद
सबसे पहले ब्रिटेन की संसदीय संरचना समझिए
भारत की तरह ब्रिटेन में भी संसद के 2 सदन हैं। इन्हें हाउस ऑफ लॉर्ड्स और हाउस ऑफ कॉमंस कहा जाता है। हालांकि, प्रधानमंत्री या सरकार के गठन में हाउस ऑफ लॉर्ड्स की कोई भूमिका नहीं होती है।
हाउस ऑफ लॉर्ड्स के ज्यादातर सदस्य अनुभव या ज्ञान के आधार पर जीवनभर के लिए चुने जाते हैं। इनकी नियुक्ति हाउस ऑफ लॉर्ड्स नियुक्ति आयोग और प्रधानमंत्री की सलाह पर ब्रिटेन के राजा द्वारा की जाती है।
कॉमंस
केवल हाउस ऑफ कॉमंस के लिए होते हैं चुनाव
ब्रिटेन में आम चुनाव केवल हाउस ऑफ कॉमंस के लिए होते हैं। इसमें 650 सदस्य होते हैं, यानी ब्रिटेन में 650 निर्वाचन क्षेत्र हैं।
ये सदस्य मिलकर प्रधानमंत्री चुनते हैं। सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 326 सीटें जीतनी जरूरी है। भारत की ही तरह सदन के सदस्य 5 सालों के लिए चुने जाते हैं। बहुमत नहीं मिलने पर कई पार्टियां गठबंधन से भी सरकार बना सकती है।
पार्टी
चुनावों में कौन-कौनसी बड़ी पार्टियां मैदान में हैं?
चुनावों में मुख्य मुकाबला कंजर्वेटिव पार्टी और लेबर पार्टी के बीच में है। वर्तमान प्रधानमंत्री सुनक कंजर्वेटिव पार्टी से हैं। उनका सामना लेबर पार्टी के सर कीर स्टार्मर से है। कीर अप्रैल, 2020 से लेबर पार्टी के नेता हैं।
इसके अलावा स्कॉटिश नेशनल पार्टी, लिबरल डेमोक्रेट्स, सोशल डेमोक्रेटिक एंड लेबर पार्टी और डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी भी मैदान में हैं। गठबंधन सरकार में इन पार्टियों की भूमिका बेहद अहम हो सकती है।
जीत
किसकी जीत के हैं आसार?
कई पोल में लेबर पार्टी को बहुमत मिलने का दावा किया गया है। कंजर्वेटिव पार्टी कई मुद्दों पर चुनौती का सामना कर रही है, ऐसे में उसके लिए वापसी की राह मुश्किल है।
22 मई से बीते एक हफ्ते के सर्वे में लेबर को 45 प्रतिशत और कंजर्वेटिव को 24 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। YouGov ने अप्रैल में कहा था कि लेबर 403 जबकि कंजर्वेटिव 155 सीटें जीत सकती है।
बहुमत
किसी भी पार्टी को बहुमत न मिले तो क्या होगा?
अगर किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो मौजूदा प्रधानमंत्री सत्ता में रहता है और उसे गठबंधन बनाने के लिए दूसरी पार्टियों के साथ बातचीत करके सरकार बनाने का पहला मौका दिया जाता है।
अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रधानमंत्री सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने की सिफारिश करता है। हालांकि, ब्रिटेन में गठबंधन सरकारें आमतौर पर देखने को नहीं मिलती है।
राजा
राजा की क्या भूमिका होती है?
चुनाव में हार की स्थिति में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो जाने के बाद मौजूदा प्रधानमंत्री औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा देने के लिए राजा से मिलने जाते हैं। इसके बाद अगले प्रधानमंत्री राजा से मिलने जाते हैं और सरकार बनाने का अनुरोध करते हैं।
पहले प्रधानमंत्री इस दौरान राजा का हाथ चूमते थे, इसलिए इस मुलाकात को 'किसिंग हैंड्स' भी कहा जाता है। हालांकि, अब ऐसा नहीं किया जाता है।
स्थिति
फिलहाल संसद की स्थिति क्या है?
फिलहाल सदन में कंजर्वेटिव पार्टी के पास 344, लेबर पार्टी के पास 205, स्कोटिश नेशनल पार्टी के पास 43, लिबरल डेमोक्रेट्स के पास 15, डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी और सिन फेन के पास 7-7, प्लेड सिमरु के पास 3 और अल्बा और SDLP के पास 2-2 सांसद हैं।
इसके अलावा 17 सासंद निर्दलीय भी हैं। रिक्लेम, रिफॉर्म यूके और ग्रीन पार्टी समेत 6 पार्टियां ऐसे हैं, जिनका एक-एक सासंद सदन में है।