
CDS अनिल चौहान बोले- पाकिस्तान से हर बार धोखा ही मिला, बताई युद्धविराम की वजह
क्या है खबर?
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मु्द्दे पर आईना दिखाया है। सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान से हर बार धोखा ही मिला है। उन्होंने कहा कि ताली बजाने के लिए दोनों हाथ चाहिए होते हैं, लेकिन अगर बदले में सिर्फ दुश्मनी मिले तो दूरी बनाए रखना समझदारी भरा फैसला है। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम की वजह भी बताई।
बयान
CDS चौहान बोले- सिर्फ भारत नहीं बदला, बल्कि रणनीति भी बदली
CDS चौहान ने कहा, "जब भारत को आजादी मिली, उस समय पाकिस्तान प्रति व्यक्ति आय, GDP और सामाजिक विकास जैसे हर पैमाने पर हमसे आगे था। लेकिन आज भारत की अर्थव्यवस्था, मानवीय विकास, समेत हर मोर्चे पर पाकिस्तान से आगे है। यह ना केवल संयोग है, बल्कि यह रणनीति का ही नतीजा है। अब सिर्फ भारत नहीं बदला, बल्कि उसकी रणनीति भी बदली है। अब भारत-पाकिस्तान संबंधों पर हम बिना किसी रणनीति के काम नहीं कर रहे हैं।"
युद्धविराम
भारत ने अचानक क्यों किया युद्धविराम, CDS ने बताई वजह
भारत-पाकिस्तान के बीच अचानक हुए युद्धविराम के फैसले ने सभी को चौंका दिया था। इस पर CDS चौहान ने कहा, "भारत ने रणनीति के तहत यह कदम उठाया था। भारत ने 3 दिन में सारे लक्ष्य हासिल कर लिए थे, इसलिए सैन्य कार्रवाई रोकना सही रणनीति थी। भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पूरी स्पष्टता और स्वायत्तता के साथ काम किया।" उन्होंने कहा कि भारत तुरंत पीछे हट गया, क्योंकि लंबे समय तक सैन्य तैनाती आर्थिक रूप से भारी पड़ती।
लड़ाकू विमान
क्या पाकिस्तान ने मार गिराए भारत के लड़ाकू विमान?
CDS चौहान ने पुष्टि की कि पाकिस्तान के साथ हालिया संघर्ष के दौरान भारत ने कुछ लड़ाकू विमान खो दिए हैं। हालांकि, उन्होंने इनकी संख्या नहीं बताई। ब्लूमबर्ग टीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सटीक संख्या जानना महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि वे क्यों गिरे। हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान के 6 भारतीय विमानों को मार गिराने के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
आकाश
जनरल चौहान बोले- भारत ने खुद की तकनीक पर भरोसा किया
CDS चौहान ने कहा, "अब युद्ध पहले जैसे नहीं रह गए हैं। अब ये जमीन, हवा, समुद्र के अलावा साइबर और अंतरिक्ष जैसे नए क्षेत्रों में लड़े जा रहे हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत ने अपनी स्वदेशी तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल किया। भारत ने यह सब विदेशी कंपनियों पर निर्भर हुए बिना किया। पाकिस्तान ने चीनी या पश्चिमी सैटेलाइट तस्वीरों का इस्तेमाल किया हो, लेकिन भारत ने खुद की तकनीक पर भरोसा किया।"
प्लस
क्या है शांगरी-ला डायलॉग?
शांगरी-ला एशिया प्रशांत क्षेत्र का महत्वपूर्ण सुरक्षा मंच है। 2002 से हर साल इसका आयोजन लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) द्वारा किया जाता है। इसमें 40 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि, गैर-सरकारी संगठन और थिंक टैंक शामिल होते हैं। इस दौरान सीमा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाती है। सिंगापुर स्थित शांगरी-ला होटल में इसका आयोजन होता है। इस साल 3 दिन के भीतर 7 पूर्ण सत्र और 3 विशेष सत्र होंगे।