
अंकिता भंडारी हत्याकांड: वॉट्सऐप चैट ने कैसे खोले राज? कहा था- क्या 10,000 में बिक जाऊंगी?
क्या है खबर?
उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा पाने वालों में पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटे पुलकित आर्य और उसके 2 सहयोगी शामिल हैं। सिंतबर, 2022 में अंकिता की लाश एक नहर से बरामद हुई थी। हत्याकांड को दोषियों को सजा दिलवाने में अंकिता और उसके दोस्त के बीच हुई वॉट्सऐप चैट की अहम भूमिका रही। आइए जानते हैं इस चैट में क्या था।
चैट
अंकिता ने लिखा था- गरीब हूं, पर क्या 10,000 में बिक जाऊंगी?
अंकिता रोजाना जम्मू में रहने वाले अपने दोस्त पुष्प से बात करती थी। घटना से कुछ दिन पहले उसने लिखा था, 'अंकित (रिजॉर्ट कर्मचारी) ने बोला कि VIP मेहमान आ रहे हैं, उन्हें 'एक्स्ट्रा सर्विस' चाहिए। उसने कहा कि आपकी पहचान में कोई लड़की हो तो बताना क्योंकि मेहमान 10,000 रुपये दे रहा है। मैंने उसको बोला कि मैं गरीब हूं तो क्या सोचा कि 10,000 में बिक जाऊंगी तुम्हारे इस रिजॉर्ट के लिए।'
रिजॉर्ट
अंकिता ने लिखा- गंदा रिजॉर्ट है, शराबी ने गले लगा लिया था
अंकिता ने आगे लिखा, 'मैं समझ रही हूं कि उन्होंने इसलिए बोला कि मैं 10,000 के लालच में आकर मान जाऊंगी।' इसके जवाब में पुष्प ने लिखा, 'हां पता है। उसको समझादो अच्छे से कि आगे से ऐसे ऑफर न लाए।' फिर अंकिता ने लिखा, 'आगे से कुछ बोला तो मैं यहां काम नहीं करूंगी। इतना गंदा होटल है। रिजॉर्ट में एक आदमी ने मुझे गले लगा लिया। उसने शराब पी रखी थी।'
हत्या
कैसे हुई थी अंकिता की हत्या?
18 सितंबर, 2022 को अंकिता और पुलकित के बीच बहस हुई। इसी शाम पुलकित अंकिता को किसी काम का बहाना बनाकर ऋषिकेश ले गया। उसके साथ सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता भी था। रात में तीनों ने अंकिता पर हमला किया और उसे चीला नहर में फेंक दिया। डूबने से अंकिता की मौत हो गई। 24 सितंबर को नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ। अंकिता के शरीर पर चोट के निशान थे।
बयान
आरोपी बोले- अंकिता मानसिक तनाव से गुजर रही थी, घुमाने ले गए थे
शुरुआत पूछताछ में पुलकित ने बताया कि अंकिता कुछ दिन से मानसिक तनाव से गुजर रही थी, इसलिए वह और उसके दोस्त उसे ऋषिकेश घुमाने ले गए थे। पुलकित ने बताया कि लौटकर सभी अपने-अपने कमरों में चले गए, लेकिन सुबह अंकिता गायब थी। हालांकि, रिजॉर्ट के कर्मचारियों ने बताया कि चारों साथ गए थे, लेकिन अंकिता इनके साथ नहीं लौटी थीं। रास्ते के CCTV कैमरों से भी इसकी पुष्टि हुई।
गवाह
पुलिस ने दर्ज किए 47 गवाहों के बयान
मामले की गंभीरता को देखते हुए 20 सितंबर को SIT का गठन किया गया। जांच के दौरान 47 गवाहों के बयान लिए गए। इनमें रिजॉर्ट के कर्मचारी, अंकिता के दोस्त और रिजॉर्ट को गिराने वाला JCB चालक शामिल थे। 19 मई 2025 को मामले की सुनवाई पूरी हुई और 30 मई को फैसला सुनाया गया। कोर्ट ने तीनों दोषियों को आजीवन कारावास के साथ ही 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।