ब्रिटेन में ऐसा क्या हुआ कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को इस्तीफा देना पड़ा?
क्या है खबर?
अपने कैबिनेट के 50 से अधिक मंत्री और सांसदों के इस्तीफा देने और पद छोड़ने की मांग के आगे झुकते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
इसके साथ ही उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता का भी पद छोड़ दिया है। हालांकि, नए प्रधानमंत्री का चयन होने तक वह पद पर बने रहेंगे।
इस बीच, आइये जानते हैं कि ब्रिटेन के इस राजनीतिक संकट के पीछे कौनसे प्रमुख कारण जिम्मेदार रहे हैं।
#1
पार्टीगेट कांड से बढ़ी थी जॉनसन की मुसीबतें
ब्रिटेन में मई में जारी रिपोर्ट में सामने आया था कि मई 2020 से अप्रैल 2021 के बीच कोरोना के कड़े प्रतिबंध होने के बाद भी जॉनसन और उनके स्टाफ ने प्रधानमंत्री निवास, कार्यालय और अन्य सरकारी कार्यालयों में कुल 16 पार्टियां आयोजित की थी।
इनमें जॉनसन ने कर्मचारियों के बीच कोरोना नियमों का उल्लंघन करते हुए जमकर शराब पी थी।
इस घटना को पार्टीगेट कांड नाम दिया गया था। इस रिपोर्ट के बाद जॉनसन की मुसीबतें बढ़ गई थी।
विरोध
जॉनसन को करना पड़ा था अविश्वास प्रस्ताव का सामना
इस रिपोर्ट के बाद आम जनता सहित कंजर्वेटिव पार्टी सांसदों ने जॉनसन का विरोध शुरू कर दिया था।
कई सांसदों का यह भी आरोप था कि वह सरकार की विवादित नीतियों का बचाव करते हैं और बाद में उनमें बदलाव किया जाता है।
ऐसे में उन्होंने जॉनसन से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की भी मांग की थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
इसके बाद कंजर्वेटिव पार्टी के ही 54 विरोधी सांसद जॉनसन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे।
जीत
जॉनसन ने हासिल किया था विश्वास मत
अपनी ही पार्टी के सांसदों द्वारा 6 जून को लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को जॉनसन ने जीत तो लिया था, लेकिन उन्हें बढ़ती हुई अपनी खिलाफत का अंदाजा हो गया था।
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कुल 359 सांसदों में से 59 प्रतिशत यानी 211 ने उनके पक्ष में वोट किया था, लेकिन 41 प्रतिशत यानी 148 ने उनके खिलाफ वोट किया था।
इस अवश्विास प्रस्ताव ने जॉनसन की सत्ता पर पकड़ को ढीला कर दिया था।
#2
क्रिस पिंचर कांड ने विरोध को और बढ़ाया
30 जून को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद क्रिस पिंचर ने साल 2019 में लंदन के एक प्राइवेट क्लब में दो मर्दों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ था।
यह भी कहा गया था कि प्रधानमंत्री जॉनसन को इसकी पूरी जानकारी थी।
हालांकि, 1 जुलाई को सरकार ने दावा किया कि प्रधानमंत्री को इसकी कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन एक प्रवक्ता ने सरकार के इस दावे का खंडन कर दिया।
परेशानी
मामले में क्यों हुआ जॉनसन का विरोध?
प्रवक्ता के जॉनसन को मामले की जानकारी होने का खुलासा करने के बाद पार्टी के नेताओं यह कहते हुए जानसन की खिलाफत शुरू कर दी कि उन्होंने मामले की पूरी जानकारी होने के बाद भी इस साल की शुरूआत में पिंचर को डिप्टी व्हिप चीफ बना दिया।
इसको लेकर जॉनसन की पार्टी सहित विपक्ष के नेताओं ने उनकी आलोचना करते हुए उन पर पद छोड़ने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था, लेकिन जॉनसन ने ऐसा नहीं किया।
परिणाम
ऋषि सुनक के इस्तीफे के बाद से जॉनसन पर बढ़ा दबाव
जॉनसन के विरोध में इस्तीफों का दौर भारतीय मूल के ऋषि सुनक के इस्तीफे से शुरू हुआ जिन्होंने मंगलवार रात को वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था।
उसी रात पाकिस्तानी मूल के साजिद जाविद ने भी स्वास्थ्य मंत्री ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद पिछले दो दिन में एक के बाद एक कई इस्तीफे हुई और कुल 50 से अधिक कैबिनेट मंत्रियों और अन्य पदाधिकारियों ने जॉनसन की खिलाफत करते हुए इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफा
मंत्रियों के दबाव के चलते जॉनसन ने दिया इस्तीफा
गुरुवार को नए-नवेले वित्त मंत्री नादिम जहावी और शिक्षा मंत्री बनीं मिशेल डोनेलन ने अपना-अपना इस्तीफा देकर प्रधानमंत्री जॉनसन से इस्तीफा देने की मांग की थी।
इससे उन पर दबाव बढ़ गया था और आखिरकार उन्होंने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। हालांकि, उन्होंने पार्टी द्वारा नए नेता का चुनाव किए जाने तक अपने पद पर बने रहने की बात कही है।
इसी तरह उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी नौकरी जाने पर दुख भी जताया है।