ब्रिटेन: दबाव के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा दिया
अपने कई कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे के बाद संकट में आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पिछले दो दिन में जॉनसन की सरकार के 40 से अधिक मंत्री और अधिकारी इस्तीफा दे चुके हैं और उनमें से कई मंत्रियों ने उनके समर्थन खोने और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की थी। उसके बाद से ही जॉनसन पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया था।
नए प्रधानमंत्री के चयन तक पद पर बने रहेंगे जॉनसन
बोरिस जॉनसन ने अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा, "वह अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के मंत्री और सांसदों की मांग के आगे झुकते हुए अपने इस्तीफे का ऐलान कर रहे हैं। मुझे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाने का बड़ा दुख है। झुंड वृत्ति शक्तिशाली होती है और राजनीति में कुछ भी अपरिहार्य नहीं है।" उन्होंने कहा, "नई कैबिनेट का गठन कर दिया गया है और नया प्रधानमंत्री चुने जाने तक वह अपने पद पर बने रहेंगे।"
दुनिया की सबसे अच्छी नौकरी छोड़ने का है दुख- जॉनसन
जॉनसन ने कहा, "मुझे पता है कि मेरे इस्तीफा देने से बहुत से लोग राहत महसूस करेंगे, लेकिन मुझे दुनिया की सबसे अच्छी नौकरी छोड़ने का दुख है।" उन्होंने कहा, "वह एक नए प्रधानमंत्री के आने तक सेवा करते रहेंगे और नए प्रधानमंत्री को अपना पूरा समर्थन देंगे। वह उनसे परिवारों और व्यवसायों पर बोझ कम करने की उम्मीद करेंगे।" बता दें कि कंजर्वेटिव पार्टी के नया नेता चुनने की प्रक्रिया सितंबर-अक्टूबर तक पूरी होगी।
कैसे हुई थी राजनीतिक संकट की शुरूआत?
जॉनसन पर आए इस मौजूदा संकट की शुरूआत उन रिपोर्ट्स के बाद हुई जिनमें कहा गया कि पार्टी सांसद क्रिस पिंचर पर लगे यौन दुराचार के आरोपों की जानकारी होने के बावजूद जॉनसन ने उन्हें इस साल की शुरूआत में डिप्टी व्हिप चीफ बनाया। पिंचर पर ये आरोप 2019 में लगे थे। जॉनसन इस मामले में सावर्जनिक तौर पर माफी मांग चुके हैं, लेकिन पार्टी सांसद और कैबिनेट मंत्री इससे नहीं माने और इस्तीफा देना शुरू कर दिया।
ऋषि सुनक के इस्तीफे के बाद से जॉनसन पर बढ़ा दबाव
जॉनसन के विरोध में इस्तीफों का दौर भारतीय मूल के ऋषि सुनक के इस्तीफे से शुरू हुआ जिन्होंने मंगलवार रात को वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। उसी रात पाकिस्तानी मूल के साजिद जाविद ने भी स्वास्थ्य मंत्री ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पिछले दो दिन में एक के बाद एक कई इस्तीफे हुई और कुल 50 से अधिक कैबिनेट मंत्रियों और अन्य पदाधिकारियों ने जॉनसन की खिलाफत करते हुए इस्तीफा दे दिया।
वित्त मंत्री ने की थी इस्तीफा देने की अपील
बता दें कि गुरुवार को ही नए-नवेले वित्त मंत्री नादिम जहावी ने सार्वजनिक तौर पर प्रधानमंत्री जॉनसन से इस्तीफा देने की मांग की थी। ट्विटर पर जारी किए गए बयान में उन्होंने कहा था कि उन्होंने कल ही जॉनसन को सम्मान के साथ पद छोड़ने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने उनकी सलाह नहीं मानी। इसी तरह दो दिन पहले ही शिक्षा मंत्री बनीं मिशेल डोनेलन ने अपना इस्तीफा देकर जॉनसन से इस्तीफा देने की मांग की थी।
जॉनसन ने दबाव के बाद दिए थे इस्तीफे के संकेत
जॉनसन ने लगातार बढ़ते दबाव के बाद इस्तीफा देने के संकेत दे दिए थे। हालांकि, उन्होंने कहा था कि वह नया प्रधानमंत्री चुने जाने तक पद पर बने रहना चाहते हैं। पार्टी के कई सांसदों और पूर्व मंत्रियों ने उनके पद पर बने रहने के निर्णय का विरोध किया था, लेकिन इसके बाद भी जॉनसन ने अपनी इच्छा के अनुसार ही कदम उठाया है। ऐसे में अब जॉनसन के अक्टूबर तक पद पर बने रहने की संभावना है।