ब्रेक्जिट डील देने में नाकाम रहने पर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे का इस्तीफा, हुईं भावुक
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। ब्रेक्जिट (Brexit) पर संसद के सामने कोई भी योजना पेश न कर पाने के कारण थेरेसा ने इस्तीफा दिया है। ब्रेक्जिट पर कोई ठोस योजना पेश न कर पाने के कारण उन्हें खुद अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा था। वह 7 जून को प्रधानमंत्री पद छोड़ देंगी। बेहद भावुक बयान देते हुए उन्होंने यह घोषणा की।
थेरेसा ने कहा, देश की सेवा सम्मान की बात
इस्तीफे की घोषणा के दौरान अपने आंसुओं को रोकते हुए थेरेसा ने कहा कि देश की सेवा करना उनके लिए सम्मान की बात थी। उन्होंने कहा, "मैंने सांसदों को ब्रेक्जिट डील के पक्ष में वोट देने के लिए समझाने की हरसंभव कोशिश की। लेकिन मैं ऐसा करने में नाकाम रही। अब किसी नए नेता को पदभार संभालने की जरूरत है।" उन्होंने कहा कि इसके कारण देश में कई बड़े बदलाव होंगे।
तीन बार पेश की ब्रेक्जिट पर डील
बता दें कि ब्रेक्जिट के पक्ष में जनमत संग्रह आने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने जुलाई 2016 में इस्तीफा दिया था, जिसके बाद थेरेसा मे प्रधानमंत्री बनी थीं। पिछले 3 सालों में उन्होंने तीन बार ब्रेक्जिट पर डील संसद के सामने पेश की है, लेकिन हर बार संसद ने इसे नकार दिया। इस बीच यूरोपीय संघ (EU) उन पर डील पेश करने का दवाब डालता रहा। उनके पद छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए दोबारा चुनाव होंगे।
क्या है ब्रेक्जिट और यूरोपीय संघ?
ब्रेक्जिट का मतलब है ब्रिटेन (UK) का EU से बाहर निकलना। संघ से बाहर निकलने के प्रस्ताव पर UK में 23 जून, 2016 को जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें मतदाताओं ने 48.1 के मुकाबले 51.9 प्रतिशत वोटों से EU छोड़ने का फैसला किया था। EU 28 यूरोपीय देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक सहयोग के लिए बना संगठन है। EU में शामिल देशों में लोग और सामान बिना किसी रुकावट के आ-जा सकते हैं।