मंकीपॉक्स: दुनियाभर में मंकीपॉक्स के 3,400 मामले, ज्यादातर संक्रमित यूरोप में
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले बुधवार तक दुनियाभर में मंकीपॉक्स से जुड़े 3,400 मामलों और इसके कारण एक संक्रमित की मौत की पुष्टि की है। मंकीपॉक्स से जुड़े ज्यादातर मामले यूरोप में सामने आ रहे है। WHO ने यह सूचना जारी करते हुए कहा कि 17 जून से अब तक मंकीपॉक्स के 1,310 नए मामले सामने आ चुके हैं। आठ नए देशों में मंकीपॉक्स के मामले पाए गए हैं।
मंकीपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं घोषित करेगा WHO
WHO ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह मंकीपॉक्स को 'अंतरराष्ट्रीय चिंता संबंधी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल' नहीं घोषित करेगी। WHO के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि वह बीमारी को लेकर बहुत अधिक चिंतित हैं। उन्होंने अपने एक बयान में कहा, "मैं मंकीपॉक्स के प्रकोप के बारे में बहुत चिंतित हूं। यह स्पष्ट रूप से एक स्वास्थ्य खतरा है। WHO सचिवालय में मेरे सहयोगी और मैं बेहद बारीकी से इस पर निगरानी रख रहे हैं।"
WHO ने उठाया यह बड़ा कदम
WHO ने मंकीपॉक्स के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने के लिए एंडेमिक देशों का अंतर खत्म कर दिया है। संगठन ने कहा, 'हम एन्डेमिक और नॉन-एन्डेमिक देशों का अंतर खत्म कर रहे हैं, जिससे यह संदेश जाए कि वायरस के खिलाफ एकजुट प्रतिक्रिया जरूरी है।"
मंकीपॉक्स का नाम बदलने पर भी हो रहा विचार
WHO मंकीपॉक्स का नाम बदलने पर भी विचार कर रहा है। यह फैसला 30 वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा इसका नाम बदलने की सिफारिश के आधार पर किया जा रहा है। वैज्ञानिकों ने WHO को भेजे पत्र में लिखा कि नए वैश्विक प्रकोप की उत्पत्ति अभी भी अज्ञात है और इस बात के प्रमाण अधिक हैं कि अफ्रीका महाद्वीप के बाहर इस वायरस का प्रसार लंबे समय से चल रहा है, ऐसे में इसका नाम बिना भेदभाव वाला होना चाहिए।
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। ये बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में चेचक (स्मालपॉक्स) और काउपॉक्स बीमारी करने वाले वायरस भी आते हैं। मंकीपॉक्स वायरस का सबसे पहले 1958 में पता चला था। तब रिसर्च के लिए तैयार की गईं बंदरों की बस्तियों में इस वायरस के कारण पॉक्स जैसी बीमारी देखी गई थी।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस और क्या हैं इसके लक्षण?
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। ये वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है। इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और तीन दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।