म्यूजियम में तब्दील होंगे राज और दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर, पाकिस्तान सरकार ने लिया फैसला
क्या है खबर?
दिवंगत राज कपूर और दिलीप कुमार अपने जमाने के बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेता रहे हैं। इन दोनों कलाकारों का पुश्तैनी घर अभी भी पाकिस्तान में स्थित है।
कला की दुनिया में शोहरत हासिल करने वाले इन कलाकारों के विरासत को सहेजने के लिए पाकिस्तान सरकार ने इनके घरों को म्यूजियम में तब्दील करने का फैसला किया है।
अब वहां की सरकार ने इनके घरों को म्यूजियम बनाने के लिए एक कानून लाया है। इससे उनकी धरोहर को सहेजा जा सकेगा।
जानकारी
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह की सरकार ने शुरू की कानूनी प्रक्रिया
काफी समय से इन हस्तियों के पुश्तैनी घरों के संरक्षण की मांग होती रही है। अब पाकिस्तान के राज्य खैबर पख्तूनख्वाह की सरकार ने इन मांगों पर अमल करते हुए इसके लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राज और दिलीप का पुश्तैनी घर पाकिस्तान के पेशावर में स्थित है। राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण कानून-1894 के तहत इन दोनों घरों को अपने कब्जे में ले लेगी।
पेशावर के कमिश्नर जल्द ही इन घरों के मालिकों को मुआवजा देंगे।
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पुरातत्व विभाग ने दोनों कलाकारों के पुश्तैनी घर की कीमत की निर्धारित
दिलीप के पुश्तैनी घर की कीमत पुरातत्व विभाग द्वारा 80.56 लाख रुपये रखा गया है, जबकि राज के घर की कीमत डेढ़ करोड़ रुपये रखी गई है।
पाकिस्तान की अखबार द डेली जंग के मुताबिक, काफी समय से इनके पुश्तैनी घर के मालिक मकानों को बेचने के इच्छुक नहीं थे।
उन्होंने कहा कि सरकार मार्केट रेट के हिसाब से कीमत का भुगतान नहीं कर रही है। सरकार ने बताया कि घर के मालिक काफी कीमत की मांग कर रहे थे।
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घर के मालिकों ने संपत्ति के लिए मांगी इतनी कीमत
दिलीप के पुश्तैनी घर के मालिक ने संपत्ति के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की है, जबति राज के पैतृक घर के मालिक ने 200 करोड़ रुपये की मांग रखी है।
राज और दिलीप के पुश्तैनी घरों के वर्तमान मालिक मकान बेचने के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए सरकार ने इन घरों को अपने कब्जे में लेने के लिए कानून लाया है।
सरकार का आरोप है कि इन घरों के वर्तमान मालिक सरकारी अधिकारियों को ब्लैकमेल कर रहे हैं।
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पुश्तैनी मकान पर कमर्शियल मॉल्स बनाने का किया गया था प्रयास
राज के घर को कपूर हवेली के नाम से भी जाना जाता है। यह मकान किस्सा ख्वानी बाजार इलाके में स्थित है, जिसे राज के पिता पृथ्वीराज कपूर ने बनवाया था।
मकान का निर्माण 1918 से 1922 के बीच करवाया गया था। इस घर के नजदीक ही दिलीप का पुश्तैनी मकान है।
प्राइम लोकेशंस को देखते हुए दोनों मकान मालिकों ने इसे क्षतिग्रस्त करके कमर्शियल मॉल्स बनाने का प्रयास किया था। पुरातत्व विभाग ने निर्माण पर रोक लगा दिया था।
करियर
ऐसा रहा है दिलीप और राज का फिल्मी सफर
दिलीप का जन्म 11 दिसम्बर, 1922 को वर्तमान पाकिस्तान के पेशावर शहर में हुआ था। उनके पिता लाला गुलाम सरवर थे, जो फल बेचकर अपना गुजारा करते थे।
विभाजन के दौरान उनका परिवार मुंबई में आकर बस गया। दिलीप ने 'मुगले-ए-आजम', 'क्रांति', 'कर्मा', 'सौदागर' जैसी कई फिल्मों में काम किया है।
वहीं, राज का जन्म 14 दिसंबर, 1924 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। 1947 में आई फिल्म 'नीलकमल' से उन्होंने करियर की शुरुआत की थी।