'कोवैक्सिन' की चार करोड़ खुराकों की कोई जानकारी नहीं- रिपोर्ट
क्या है खबर?
देश में कोरोना महामारी के खिलाफ चल रहा मेगा वैक्सीनेशन अभियान में इस समय वैक्सीनों की कमी से जूझ रहा है। कई राज्यों में वैक्सीनों की कमी के कारण अभियान की रफ्तार थम गई है।
इसी बीच भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।
इसके अनुसार देश में छह करोड़ खुराकों का उत्पादन हुआ है, लेकिन लोगों को दो करोड़ ही लगाई गई है। ऐसे में चार करोड़ खुराकों की कोई जानकारी नहीं है।
रिपोर्ट
देश में हुआ कोवैक्सिन की करीब आठ करोड़ खुराकों का उत्पादन
TOI की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से मई तक कोवैक्सिन की करीब आठ करोड़ खुराकों का उत्पादन हुआ है।
केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट और 24 मई को केरल हाई कोर्ट में पेश किए हलफाने के अनुसार भी यही आंकड़ा बैठता है।
सरकार ने कहा था कि देश में कोवैक्सिन की प्रतिमाह दो करोड़ खुराकों का उत्पादन हो रहा है। जनवरी और फरवरी में उत्पादन क्षमता को कम करके आंका जाए तो कुल उत्पादन करीब आठ करोड़ का होता है।
आंकलन
भारत बायोटेक के CMD के बयानों से भी हो रही है पुष्टि
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत बायोटेक के मुख्य प्रबंध निदेशक (CMD) ने कृष्णा एला ने 20 अप्रैल को कहा था मार्च में 1.50 करोड़ और अप्रैल में दो करोड़ खुराकों का उत्पादन हुआ था।
उन्होंने मई में तीन करोड़ खुराकों के उत्पादन की उम्मीद जताई थी। यदि मान लिया जाए कि तय रफ्तार से मई में उत्पादन नहीं हुआ तब भी मार्च और अप्रैल को मिलाकर 3.5 करोड़ और मई में दो करोड़ खुराकों का उत्पादन हुआ है।
उत्पादन
इस तरह से हुआ कुल आठ करोड़ खुराकों का उत्पादन
यदि केंद्र के हलफानों पर गौर करें तो देश में मई के अंत तक करीब 5.5 करोड़ खुराकों का उत्पादन हुआ होगा।
इसी तरह कंपनी के CMD ने 5 जनवरी को कहा था कि कंपनी ने वैक्सीन की दो करोड़ खुराकों का स्टॉक कर लिया था। यह कुल मिलाकर 7.5 करोड़ खुराक होती है।
जनवरी और फरवरी का उत्पादन मार्च और अप्रैल की तुलना में बेहद कम था। यदि इसे जोड़ा जाए तो करीब आठ करोड़ खुराक होती हैं।
उपलब्ध
देश में होनी चाहिए करीब छह करोड़ खुराकें
रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीनेशन कूटनीति के समय भारत ने कुल 6.6 करोड़ वैक्सीनों की खुराकों का निर्यात किया था। इनमें से बड़ा हिस्सा सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड का था।
यदि मान लिया जाए 6.6 करोड़ में से दो करोड़ कोवैक्सिन की खुराकें भी थी तो इस समय भारत में छह करोड़ खुराकें होनी चाहिए, लेकिन इनमें से गुरुवार सुबह तक महज 2.1 करोड़ खुराकों का ही इस्तेमाल हुआ है? ऐसे में चार करोड़ खुराकों की कोई जानकारी नहीं है।
जानकारी
भारत बायोटेक ने किया प्रतिक्रिया देने से इनकार
इस मामले में TOI ने कई बार भारत बायोटेेक के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से पूरी तरह से इनकार कर दिया। ऐसे में वैक्सीन की चार करोड़ खुराकों का सवाल अभी भी बना हुआ है।
उपयोग
दिल्ली में हुआ कोवैक्सिन की सबसे अधिक खुराकों का उपयोग
बता दें कि देश में गुरुवार सुबह तक 19.84 करोड़ वैक्सीन की खुराकें लगाई जा चुकी है। इनमें से महज 2.1 करोड़ खुराकें कोवैक्सिन की लगाई गई है।
कोवैक्सिन की सबसे अधिक उपयोग राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुआ है। यहां कुल वैक्सीन की खुराकों में से 30.6 प्रतिशत कोवैक्सिन की थी।
इसी तरह असम में 20.5, आंध्र प्रदेश 18.8, तेलंगाना 15, तमिलनाडु 14.9, हरियाणा 12.8, झारखंड 12.3 और महाराष्ट्र में 12.1 प्रतिशत खुराकों का इस्तेमाल हुआ है।
जानकारी
इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नहीं हुआ कोवैक्सिन का उपयोग
वैक्सीनेशन के डाटा के अनुसार अंडमान-निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, दमन और दीव, दादर नागर हवेली, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघायल, मिजोरम, नागालैंड, पुडेचेरी और सिक्किम में कोवैक्सिन का उपयोग नहीं हुआ है। इसी तरह पांच राज्यों में महज पांच प्रतिशत उपयोग हुआ है।
सवाल
आखिर कहां है वैक्सीन की चार करोड़ खुराकें?
इस आंकलन के आधार पर कोवैक्सिन की चार करोड़ खुराकों की कोई जानकारी नहीं है। इसी तरह कंपनी ने बयान देने से इनकार कर संदेह को और बढ़ा दिया है।
सवाल है यदि कंपनी ने वैक्सीन की खुराकों को केंद्र या राज्यों को सौंप दिया है तो फिर वह अभी तक क्यों नहीं लगी और राज्य लगातार वैक्सीन की कमी का हल्ला क्यों मचा रहे हैं।
हालांकि, इस स्थिति के कारण लोगों समय पर वैक्सीन नहीं मिल पा रही है।
जानकारी
वैक्सीनेशन अभियान की क्या है स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 20,57,20,660 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 29,19,699 खुराकें लगाई गईं। वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है।