कोरोना वैक्सीन: पांच करोड़ खुराकों के लिए फाइजर से बात कर रही है भारत सरकार- रिपोर्ट
क्या है खबर?
वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के लिए भारत विदेशी कंंपनियों से खुराक खरीद सकता है।
बताया जा रहा है कि भारत सरकार पिछले कुछ समय से अमेरिकी कंपनी फाइजर के साथ संपर्क में है और पांच करोड़ खुराकें खरीद सकती हैं। अगले कुछ महीनों में यह सौदा हो सकता है।
हालांकि, अभी तक फाइजर वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन सौदा होने इसे आपात इस्तेमाल की अनुमति दी जा सकती है।
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मॉडर्ना की वैक्सीन मिलने की भी उम्मीद
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत फाइजर से पांच करोड़ खुराकें खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। साथ ही उसे कोवैक्स के जरिये अमेरिका से मॉडर्ना वैक्सीन की 75 लाख खुराकें मिलने की उम्मीद है।
पिछले महीने भारत ने कहा था कि वह कोवैक्स के अलावा अन्य तरीकों से भी मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन प्राप्त करने की कोशिश में है और इसके लिए दोनों कंपनियों से बातचीत की जा रही है।
जानकारी
इनडेमिनिटी पर अटकी है बात
इन दोनों कंपनियों के साथ बातचीत में मुख्य पेच वैक्सीन का कोई गंभीर साइड इफेक्ट होने पर कानूनी कार्रवाई से छूट (इनडेमिनिटी) पर फंसा हुआ है।
फाइजर और मॉडर्ना ने भारत सरकार से इनडेमिनिटी मांगी है और इसके बाद ही खुराकें देने की बात कही है।
सरकार ने अभी तक किसी भी कंपनी को इनडेमिनिटी नहीं दी है और ऐसे में अगर फाइजर और मॉडर्ना को ये दी जाती है तो अन्य कंपनियां भी इसकी मांग कर सकती हैं।
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मॉडर्ना वैक्सीन को भारत में मिल चुकी है मंजूरी
बता दें कि मॉडर्ना वैक्सीन को जून के अंत में भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। इसे 18 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। भारतीय फार्मा कंपनी सिप्ला इसका आयात करेगी।
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जॉनसन एंड जॉनसन को भी हरी झंडी
हाल ही में भारत सरकार ने एक और अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की एक खुराक वाली कोरोना वैक्सीन जेनसेन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। भारत में मंजूरी पाने वाली यह कुल पांचवी और एक खुराक वाली पहली वैक्सीन है।
हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई इस वैक्सीन को भारत में आयात करेगी। कंपनी को आवेदन के एक दिन बाद ही देश में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई थी।
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भारत में पांच वैक्सीनों को मिली मंजूरी
भारत में अब तक कुल पांच कोरोना वैक्सीनों के इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी हैं, लेकिन तीन का ही इस्तेमाल शुरू हुआ है।
वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बाद अप्रैल में स्पूतनिक-V को हरी झंडी दिखाई गई थी। फिलहाल ये तीनों इस्तेमाल हो रही हैं।
मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसका उपयोग शुरू नहीं हुआ है।
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देश में वैक्सीनेशन की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 52,36,71,019 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 44,19,627 खुराकें लगाई गईं। वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार चिंता का विषय बनी हुई है।