दुनिया के 124 देशों में पहुंचा कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट, WHO ने जताई चिंता
दुनिया में सबसे पहले महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में मिला कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट तेजी से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेता रहा है। हालात यह है कि वर्तमान में दुनिया के 124 देशों में इसकी पुष्टि हो चुकी है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसको लेकर चिंता जताई है। WHO के अनुसार यदि यह वेरिएंट इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो कुछ ही महीनों में दुनिया में सबसे प्रमुखता से फैलने वाला वेरिएंट बन जाएगा।
आने वाले महीनों से सबसे तेज प्रसार वाला वेरिएंट बन जाएगा डेल्टा- WHO
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, WHO ने अपने साप्ताहिक महामारी विज्ञान अपडेट में कहा, "कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट वर्तमान में 124 देशों में पहुंच गया है। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में यह वायरस के अन्य वेरिएंटों को पछाड़ते हुए सबसे प्रमुखता से फैलने वाला वेरिएंट बन जाएगा।" WHO के अनुसार इसके तेजी से प्रसार के पीछे सबसे बड़ा कारण मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करना और वैक्सीनेशन में असमानता है।
कई देशों में 75 प्रतिशत से अधिक मामले डेल्टा वेरिएंट से संबंधित- WHO
WHO ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट दुनियाभर में कहर बरपा रहा है। भारत, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, सिंगापुर, इंडोनेशिया, रूस और चीन सहित कई देशों में संक्रमण के कुल मामलों में से 75 प्रतिशत इसी वेरिएंट से संबंधित है। यह पूरी दुनिया के लिए बड़ी चिंता का विषय है। इसी तरह अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका में लगभग इस वेरिएंट के 83 प्रतिशत मामले हैं। जिसने चिंताओं को बल दिया है।
पिछले सप्ताह इंडोनेशिया में सामने आए सबसे अधिक मामले
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक सप्ताह मे इंडोनेशिया में कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक नए मामले सामने आए हैं। उसके बाद ब्रिटेन, ब्राजील, भारत और अमेरिका का स्थान आता है। प्रति व्यक्ति कोरोना वायरस मामलों में चिंताजनक वृद्धि के बावजूद यूनाइटेड किंगडम (UK) ने लगभग सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है, जिससे विशेषज्ञों ने देश में फिर से महामारी के तेज प्रसार की चेतावनी जारी की है। ऐसे में सरकार को बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।
"डेल्टा वेरिएंट बन सकता है और भी खतरनाक"
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ते सबूत डेल्टा वेरिएंट की तेज संक्रामकता का समर्थन करते हैं, लेकिन इसके लिए सटीक प्रभाव अभी भी स्पष्ट नहीं है। चीन के एक अध्ययन में सामने आया है कि पहले RT-PCR टेस्ट के जरिए डेल्टा वेरिएंट को पकड़ा थोड़ा मुश्किल हो सकता है। अध्ययन ने यह भी सुझाव दिया कि संक्रमण के शुरुआती चरणों के दौरान डेल्टा संस्करण तेजी से दोबारा संक्रमित करने में सक्षम हो सकता है और अधिक संक्रामक हो सकता है।
प्रभावी साबित हो रही हैं वैक्सीनें
राहत की बात यह है कि कोरोना वायरस वैक्सीनें डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी साबित हो रही हैं। कई मामलों में ये भले ही संक्रमण नहीं रोक पा रही हों, लेकिन अधिकतर लोगों को गंभीर रूप से बीमार होने से बचा रही हैं।
डेल्टा वेरिएंट के कारण भारत में बढ़े थे संक्रमण और मौत के मामले
सबसे पहले भारत में पाया गया डेल्टा (B.1.617.2) वेरिएंट अधिक संक्रामक होने के साथ लोगों को गंभीर स्थिति में पहुंचाने का कारण रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसने भारत की महामारी की दूसरी लहर को विशानकारी स्तर पर पहुंचा दिया था। इसके कारण प्रतिदिन लाखों लोग संक्रमित हुए और हजारों की मौत हुई। एक नए अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में काम आ रही वैक्सीन वायरस के शुरुआती वेरिएंट की तुलना में डेल्टा पर आठ गुना कम प्रभावी है।
दुनियाभर में क्या है संक्रमण की स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 19.14 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 41.05 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 3.42 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 6.09 लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका के बाद भारत दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है। वहीं तीसरे सबसे अधिक प्रभावित देश ब्राजील में 1.94 करोड़ संक्रमितों में से 5.44 लाख मरीजों की मौत हुई है।