अमेरिकी कोर्ट से डोनाल्ड ट्रंप को झटका, जन्मजात नागरिकता खत्म करने का आदेश रोका गया
क्या है खबर?
अमेरिका की सत्ता संभालते ही जन्मजात नागरिकता खत्म करने का आदेश जारी करने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है।
अमेरिकी जिला न्यायाधीश ने ट्रंप के कार्यकारी आदेश को लागू करने से रोक दिया और इसे स्पष्ट रूप से असंवैधानिक बताया है।
संघीय न्यायाधीश जॉन कफनॉर ने यह अस्थायी आदेश डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले 4 राज्यों के अनुरोध का सम्मान करते हुए जारी किया है।
ट्रंप ने शपथ ग्रहण के बाद 20 जनवरी को आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।
आदेश
जिला न्यायाधीश ने क्या कहा?
आदेश पर प्रतिबंध लगाते हुए न्यायमूर्ति कफनॉर ने कहा कि उन्हें समझने में परेशानी हो रही है कि बार का सदस्य स्पष्ट रूप से कैसे कह सकता है कि आदेश संवैधानिक है।
न्यायाधीश ने राष्ट्रपति के आदेश का बचाव कर रहे अमेरिकी न्याय विभाग के वकील से कहा कि यह उनके दिमाग को झकझोर कर रख देता है। यह स्पष्ट रूप से असंवैधानिक आदेश है।
आदेश अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के नागरिकता खंड में निहित अधिकार का उल्लंघन है।
विरोध
पूरे अमेरिका में शुरू हो गया है विरोध
ट्रंप का आदेश 20 फरवरी, 2025 से लागू होना है, जिसको लेकर पूरे अमेरिका में विरोध शुरू हो गया है। गर्भवती महिलाएं नागरिकता से वंचित होने के डर से समय पूर्व प्रसव की अनुमति दे रही हैं।
वाशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन जैसे डेमोक्रेटिक शासित 22 राज्यों के अटॉर्नी जनरल और नागरिक अधिकार समूहों ने अमेरिका भर में मुकदमे दायर किए हैं।
अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन, अप्रवासी संगठनों और एक गर्भवती मां ने भी मुकदमे दायर किए हैं।
आदेश
क्या है ट्रंप का जन्मसिद्ध नागरिकता खत्म करने वाला आदेश?
'अमेरिकी नागरिकता के अर्थ और मूल्य की रक्षा' शीर्षक वाला आदेश 20 फरवरी से लागू होगा।
इसके तहत अमेरिका में गैर-स्थायी निवासियों के यहां पैदा हुए बच्चों को अब जन्म से अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी, जबकि अभी पैदा होते ही नागरिकता मिलती है।
आदेश से H-1B वीजा धारक और ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा करने वाले अधिक प्रभावित होंगे। आदेश से 10 लाख से अधिक भारतीय लोग और हर साल पैदा होने वाले 1.50 लाख बच्चे नागरिकता अधिकार से वंचित होंगे।
असर
आदेश से सबसे अधिक गर्भवती महिलाएं चिंतित
आदेश से सबसे अधिक चिंतित भारतीय गर्भवती महिलाएं हैं, जिनका प्रसव 20 फरवरी से बाद होने वाला है।
उनको चिंता है कि 20 फरवरी से आदेश लागू होने के बाद उनकी अमेरिकी नागरिकता पाने की एकमात्र संभावना भी खत्म हो जाएगी।
ऐसे में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं समय से पहले प्रसव के लिए सी-सेक्शन यानी सर्जरी का विकल्प चुन रही हैं।
कई भारतीय महिलाएं सातवें, आठवें या नौवें महीने में, 20 फरवरी से पहले प्रसव चाहती हैं।
जानकारी
ट्रंप देंगे आदेश को चुनौती
ट्रंप ने संघीय न्यायाधीश के फैसले को लेकर कहा कि वह इसे चुनौती देंगे और अपील करेंगे। बता दें, 84 वर्षीय न्यायाधीश कफनॉर को रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन द्वारा नियुक्त किया गया था, जो 1981 में संघीय पीठ के लिए नामित किए गए थे।