1904 में हुए ओलंपिक का दुर्लभ स्वर्ण पदक हुआ नीलाम, 4 करोड़ रुपये लगी कीमत
क्या है खबर?
ओलंपिक एक एथलेटिक खेल उत्सव है, जिसका इतिहास 3,000 साल पुराना है। यह खेल उत्सव ग्रीस में शुरू हुआ था, लेकिन इसे 19वीं सदी में दोबारा शुरू किया गया था।
अमेरिका का पहला ओलंपिक साल 1904 में करवाया गया था, जिससे जुड़ा एक स्वर्ण पदक हाल ही में नीलाम हुआ है। इस ऐतिहासिक और दुर्लभ स्वर्ण पदक की कीमत करोड़ों में लगाई गई है।
आइए इस नीलामी के विषय में विस्तार से जानते हैं।
पदक
पूरी तरह सोने से बना है यह ऐतिहासिक पदक
यह पदक पूरी तरह से सोने का बना हुआ है, जिसे अमेरिकी एथलीट फ्रेडरिक विलियम शुले ने जीता था। इसमें लगा हुआ रिबन और इसे रखने वाला चमड़े का केस भी सही-सलामत है।
पदक पर 'ओलिंपियाड, 1904' लिखा हुआ है और इसपर पुष्पमाला पहने हुए एक विजयी एथलीट की छवि बनी हुई है।
दूसरी ओर ग्रीक पौराणिक कथाओं में वर्णित विजय की देवी नाइके को देवताओं के राजा ज्यूस की छवि भी बनी हुई है।
नीलामी
4.72 करोड़ रुपये लगी इस स्वर्ण पदक की बोली
इसको शुले ने 110 मीटर वाली बाधा दौड़ में जीता था। नीलामी के दौरान इस नायाब वस्तु की कीमत 4.72 करोड़ रुपये लगाई गई है।
इसे RR ऑक्शन्स नामक नीलामी घर ने बेचा है, जो मैसाचुसेट्स के शहर बोस्टन में स्थित है। इस पदक को जीतने के बाद शुले से जुड़ा एक विवाद भी उजागर हुआ था।
कहा जाता है कि वह दौड़ तो जीत गए थे, लेकिन वह फिनिश लाइन तक पहुंचने से पहले एक कार में सवार थे।
दुर्लभ वस्तु
शुले के परिवार के निजी संग्रह का हिस्सा था यह पदक
नीलामी घर के ओलंपिक विशेषज्ञ बॉबी ईटन ने कहा कि इस तरह के पदक का नीलामी के लिए आना असामान्य है। हालांकि, यह शुले के परिवार के निजी संग्रह से पाया गया है।
ईटन ने कहा, "वास्तव में कोई नहीं जानता कि 1904 के कितने ओलंपिक स्वर्ण पदक अभी भी उपलब्ध हैं। हम इतना जानते हैं कि वे अत्यंत दुर्लभ हैं।"
इस ओलंपिक में दिए गए 100 स्वर्ण पदकों में से कई खो गए या संग्रहालयों में रखे हुए हैं।
अन्य वस्तुएं
नीलामी में बेची गईं ओलंपिक से जुड़ी ये अन्य वस्तुएं
बता दें कि इस नीलामी के दौरान केवल यह पदक ही नहीं, बल्कि सैकड़ों ओलंपिक वस्तुएं भी बेची गईं थीं। इन वस्तुओं में 2024 में हुए पेरिस ओलंपिक का कांस्य पदक भी शामिल था।
साथ ही 1932 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक, 1964 के टोक्यो ओलंपिक, 1998 के नागानो ओलंपिक और 2012 के लंदन ओलंपिक के स्वर्ण पदक भी बेचे गए थे।
इसके अलावा, 1936 के बर्लिन ओलंपिक में जीता गया चांदी का पदक 4.22 करोड़ में बिका है।