
टिक-टॉक 19 जनवरी से अमेरिका में हो सकता है बंद, ऐप स्टोर्स से हट जाएगा प्लेटफॉर्म
क्या है खबर?
लोकप्रिय शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिक-टॉक 19 जनवरी से अमेरिका में बंद हो सकता है।
टिक-टॉक ने कहा है कि अगर जल्द अमेरिकी सरकार सेवा प्रदाताओं को दंड से बचने का आश्वासन नहीं देगी, तो वह 19 जनवरी को अमेरिका में प्लेटफॉर्म बंद कर देगी।
बता दें कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिन (17 जनवरी) सुनवाई के बाद नए संघीय कानून को सही ठहराया, जिससे टिक-टॉक को प्लेटफॉर्म बंद करने का निर्णय लेना पड़ रहा है।
संभावना
टिक-टॉक के ऐप स्टोर से हटने की संभावना
नए कानून के अनुसार, अगर ऐपल और गूगल टिक-टॉक को अपने ऐप स्टोर से नहीं हटाते हैं, तो उन्हें हर यूजर पर 5,000 डॉलर (लगभग 4 लाख रुपये) तक का जुर्माना भरना होगा।
हालांकि, जो यूजर पहले से टिक-टॉक का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ऐप का उपयोग जारी रखने का मौका मिलेगा, लेकिन उन्हें नए अपडेट्स नहीं मिलेंगे।
इससे ऐप समय के साथ काम करना बंद कर सकता है और यूजर्स को परेशानी हो सकती है।
जुर्माना
संघीय कानून और जुर्माना
अमेरिका में टिक-टॉक को अपनी सेवाएं जारी रखने के लिए बाइटडांस को उसे बेचने का आदेश दिया गया है, लेकिन अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है, तो टिक-टॉक को बंद करना होगा।
नया कानून संबंधित कंपनियों पर जुर्माना भी लगा सकता है, जिससे टिक-टॉक को अपना कदम पीछे लेना पड़ रहा।
अगर टिक-टॉक बिकता है, तो इसकी कीमत 8,600 से 17,000 अरब रुपये तक हो सकती है, लेकिन चीनी सरकार की मंजूरी के बिना इस बिक्री की संभावना कम है।
बिक्री
टिक-टॉक की बिक्री क्यों है कम?
टिक-टॉक के बिकने की संभावना काफी कम है, क्योंकि इस पर विवाद भी बहुत है। बिक्री की संभावना को लेकर कई निवेशकों और अरबपतियों ने टिक-टॉक खरीदने में रुचि दिखाई है।
हालांकि, इस पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चीनी सरकार इस बिक्री को मंजूरी देगी या नहीं, क्योंकि टिक-टॉक का एल्गोरिदम उनकी रणनीति से जुड़ा है।
इन्हीं वजहों से अभी तक इसकी बिक्री पर अब भी संशय बना हुआ है।
कारण
विवाद और प्रतिबंध का कारण
इस विवाद का कारण अमेरिकी सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताएं हैं, जो टिक-टॉक को लेकर उठी हैं। अमेरिकी सरकार और सुरक्षा नियामकों का मानना है कि टिक-टॉक के जरिए अमेरिकी यूजर्स का डाटा चीन भेजा जाता है।
टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून के खिलाफ बाइटडांस ने कोर्ट में चुनौती दी थी और उसने कहा था कि यह कानून उनके अधिकारों का उल्लंघन करता है।
हालांकि, अदालत ने इसे गलत नहीं ठहराया और इसे लागू रखने का आदेश दिया है।
प्रतिबंध
अन्य देशों में टिक-टॉक पर प्रतिबंध
अमेरिका के अलावा कई देशों में भी टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। भारत ने 2020 में सुरक्षा चिंताओं के कारण टिक-टॉक को पूरी तरह से बैन कर दिया था।
इसके अलावा, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, और बांगलादेश जैसे देशों में भी विभिन्न समयों पर ऐप पर प्रतिबंध या इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन देशों में ऐप को लेकर सुरक्षा और डाटा गोपनीयता के मुद्दे मुख्य कारण रहे हैं।