असमानता: देश में पिछले एक साल में बने 40 नए अरबपति, गरीबों की संख्या हुई दोगुनी
कोरोना वायरस महामारी ने देश में आर्थिक असमानता की खाई को और बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में भारत में 40 नए अरबपति बने, लेकिन इसके साथ ही गरीबों की संख्या दोगुनी हो गई। वैश्विक स्तर पर भी कुछ ऐसी ही देखने को मिला और दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति पिछले एक साल में दोगुनी हो गई। भारत में गौतम अडाणी को सबसे अधिक फायदा हुआ है।
भारत में 182 हुई कुल अरबपतियों की संख्या
विश्व आर्थिक मंच (WEF) की सालाना बैठक से पहले जारी की गई अपनी रिपोर्ट में ऑक्सफैम ने कहा है कि 2021 में 40 नए अरबपति बने और कुल अरबपतियों की संख्या 182 हो गई है। 2021 की शुरूआत में देश में 142 अरबपति थे और एक साल में उनकी संख्या में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। अभी फ्रांस, स्वीडन और स्विट्जरलैंड में कुल मिलाकर जितने अरबपति हैं, भारत में उससे अधिक अरबपति हैं।
देश के अरबपतियों के पास 40 प्रतिशत सबसे गरीब जनता से अधिक संपत्ति
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के अरबपतियों के पास कुल मिलाकर 720 अरब डॉलर की संपत्ति है जो देश की 40 प्रतिशत सबसे गरीब आबादी की कुल संपत्ति से अधिक है। ब्लूमबर्ग के सूचकांक के मुताबिक, पिछले एक साल में गौतम अडाणी की संपत्ति में सबसे अधिक इजाफा हुआ और ये 42.7 अरब डॉलर बढ़कर लगभग 90 अरब डॉलर हो गई है। मुकेश अंबानी की संपत्ति में 13.3 अरब डॉलर का इजाफा हुआ और उनकी कुल संपत्ति 97 अरब डॉलर है।
देश में 84 प्रतिशत परिवारों की आय में कमी, दोगुनी हुई गरीबों की संख्या
भारत में बढ़ती गरीबी पर ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी की शुरूआत में देश में 84 प्रतिशत परिवारों की आय में कमी आई और इस मामले में उसका प्रदर्शन उप-सहारा अफ्रीकी देशों जैसा रहा जिनमें गरीबी में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में भारत में गरीबों की संख्या दोगुनी होकर 13.4 करोड़ हो गई और दिहाड़ी मजदूरों, बेरोजगारों और सेल्फ-इम्प्लॉयड ने सबसे अधिक आत्महत्याएं कीं।
किन कारणों से बढ़ी आर्थिक असमानता?
ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में संपत्ति टैक्स रद्द करने, कॉर्पोरेट पर लगने वाले जुर्मानों में बड़ी कटौती और अप्रत्यक्ष टैक्स में वृद्धि जैसी सरकार की नीतियों के कारण अमीर और अमीर होते गए। हालांकि इस बीच देश की न्यूनतम आय 178 रुपये के आसपास ही रही। वहीं महामारी के साथ-साथ बढ़ते निजीकरण के बीच शिक्षा और स्वास्थ्य के बजट में कटौती गरीबी और असमानता बढ़ने का कारण बनी है। दुनिया के एक-चौथाई कुपोषित भारत में हैं।
ऑक्सफैम का अमीरों पर 1 प्रतिशत सरचार्ज लगाने का सुझाव
ऑक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट में आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। उसने भारत सरकार को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए देश की 10 प्रतिशत सबसे अमीर आबादी पर एक प्रतिशत सरचार्ज लगाने को कहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 10 सबसे अमीर अरबपतियों की संपत्ति से देश के स्कूलों और उच्च शिक्षा को 25 साल तक चलाया जा सकता है।