केरल: संक्रमण की तेज रफ्तार के बीच दो दिनों में किए जाएंगे 3.75 लाख टेस्ट
कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार के बीच केरल सरकार ने राज्य में दो दिनों में लगभग चार लाख टेस्ट करने का अभियान शुरू किया है। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि गुरुवार और शुक्रवार को केरल में 3.75 लाख टेस्ट किए जाएंगे। इसका मकसद अधिक से अधिक संक्रमितों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करना है। यह कदम ऐसे मौके पर उठाया गया है, जब राज्य में पॉजिटिविटी रेट लगातार 10 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है।
टेस्ट के नतीजों के आधार पर तैयार होगी कंटेनमेंट रणनीति
नई टेस्टिंग रणनीति के तहत गुरुवार को 1.25 लाख और शुक्रवार को 2.5 लाख टेस्ट किए जाएंगे। पहचान किए गए इलाकों में हाइपरटेंशन और डायबिटीज के मरीजों, कोरोना जैसे लक्षण दिखाने वाले लोगों समेत महामारी का सबसे अधिक खतरा झेलने वाले लोगों पर ये टेस्ट होंगे। टेस्ट के नतीजों के आधार पर आगे की कंटेनमेंट रणनीति तैयार की जाएगी। इसके अलावा 45 साल से अधिक उम्र के उन लोगों के भी टेस्ट होंगे, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है।
केरल में तेज बनी हुई है संक्रमण की रफ्तार
देश के अन्य राज्यों में संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ने के बावजूद केरल में यह तेज बनी हुई है। बीते कई दिनों से केरल में देश के सबसे ज्यादा दैनिक मामले दर्ज हो रहे हैं। कुल मरीजों के मामले में केरल महाराष्ट्र के बाद देश का दूसरा सर्वाधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है। विशेषज्ञ भी केरल में महामारी की तेज रफ्तार के कारण पर एकमत नहीं है। राहत की बात यह है कि यहां मृत्युदर कम है।
केरल में क्या है संक्रमण की रफ्तार?
केरल में बीते दिन कोरोना के 15,637 नए मामले सामने आए और 128 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ यहां कुल संक्रमितों की संख्या 31,03,310 हो गई है। इनमें से 1,17,708 सक्रिय मामले हैं और 14,938 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार को यहां पॉजिटिविटी रेट 10.03 प्रतिशत दर्ज की गई। इसका मतलब है कि टेस्ट किए गए 100 सैंपल्स में 10 से अधिक में संक्रमण की पुष्टि हो रही है।
वैक्सीनेशन के बावजूद कम नहीं हो रहे मामले
सबसे बड़ी चिंता की बात तो ये है कि केरल में वैक्सीनेशन का दैनिक मामलों पर कोई असर पड़ता हुआ नजर नहीं आ रहा है। राज्य की लगभग 45 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लग चुकी है, जबकि 10 प्रतिशत आबादी को दोनों खुराकें लग चुकी हैं। अभी केरल की स्थिति बिल्कुल जनवरी जैसी है। तब भी पूरे देश में मामले घट रहे थे, लेकिन केरल में अधिक संख्या में मामले सामने आ रहे थे।
विशेषज्ञों ने दी लॉकडाउन की नीति की समीक्षा की सलाह
इस स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए विशेषज्ञों ने बीते सप्ताह राज्य सरकार से लॉकडाउन और अनलॉक की नीति पर पुनर्विचार करने को कहा था। राज्य सरकार की कोविड सलाहकार समिति के सदस्य डॉ अनूप कुमार ने कहा, "शनिवार और रविवार के लॉकडाउन और समय की पाबंदियों का उल्टा असर हो रहा है और इससे भीड़ हो रही है। हमें लॉकडाउन के पूरे मुद्दे और रियायतों को अधिक वैज्ञानिक तरीके से देखने की जरूरत है।"